खगड़िया(राजकमल)।
तमाम प्रयास के बाद भी जिले के बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था सुधर नहीं पा रही है।एक तरफ जिला पदाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष जहां क्षेत्र का भ्रमण कर शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं,वहीं बेलदौर प्रखंड क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था चरमराती जा रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि,शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को प्रयत्न करना चाहिए।प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अगर प्रत्येक दिन विभिन्न विद्यालयों की जांच पड़ताल करें,तो सुधार संभव हो पाएगा।विभिन्न स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के क्रम में पत्रकारों की टोली जब प्रखंड क्षेत्र के कुर्बन पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय मलिया वासा में पहुंची,तो स्थानीय लोगों ने बताया कि,4 शिक्षक और एक प्रधानाचार्य रहने के बावजूद भी विद्यालय में बच्चों को सही रुप से शिक्षा नहीं मिल पा रही है।विद्यालय की प्रधानाध्यापिका छोड़कर सभी शिक्षक अक्सर गायब रहते हैं।ऐसे में एक प्रधानाध्यापिका के बदौलत बच्चों को आखिर शिक्षा कैसे मिले!
महज एक शिक्षक विद्यालय के तमाम बच्चों कैसे बच्चों पढ़ा पाएंगे।विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उषा कुमारी ने बताया कि,स्कूल में कुल 4 शिक्षक हैं।लेकिन कुमार अमिताभ और प्रियदर्शी प्रभा भारती छुट्टी पर हैं।जबकि एक शिक्षक 12 बजे ही नमाज पढ़ने के नाम पर विद्यालय से रोज गायब हो जाते हैं।नतीजतन विद्यालय में बच्चों का पठन-पाठन सही रुप से नहीं हो पाता है।बताया गया कि,विद्यालय में कुल नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 74 है,जबकि आज शुक्रवार को महज 40बच्चों की उपस्थिति दिखी।बात अगर एमडीएम की करें,बच्चों को भोजन के नाम पर रसोइयों के द्वारा चावल और आलू की सब्जी दी गयी थी।लेकिन सब्जी से चना गायब पाया गया।बच्चों ने बताया कि, उन लोगों को शुक्रवार के दिन अंडा नहीं दिया जाता है।इधर, प्रधानाध्यापिका के पति ने कहा कि,अंडा लाने के लिए बाजार जाएगा कौन!इसलिए हम लोग बच्चों को फल में सेव दिया करते हैं।विद्यालय के कोई भी बच्चे ड्रेस में नहीं थे।कोई भी बच्चे स्कूल ड्रेस पहनकर विद्यालय में पठन पाठन करने नहीं पहुंचे थे।सभी बच्चे गंदे कपड़े में विद्यालय में मौजूद थे।कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि,उक्त विद्यालय में बच्चों को भगवान भरोसे शिक्षा मिल पा रही है।स्वच्छता का ख्याल तक रखा नहीं जाता है।