खगड़िया(गौरव सिन्हा)।
बिहार की जनता भलीभांति जान रही है कि,नगर निकाय चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद भाजपा के नेता बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।सवाल खड़ा कर रहे हैं कि,नगर निकाय चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया फिर होनी चाहिए।जबकि सत्य यह है कि, नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के पश्चात चुनाव स्थगित हुआ था।सिर्फ मतदान होना शेष था,जो अब नई घोषित तिथि के अनुसार होगा।उक्त।बातें जदयू के जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने स्थानीय कचहरी रोड स्थित जनता दल यूनाइटेड के जिला कार्यालय में आज गुरूवार को पार्टी के अतिपिछड़ा वर्ग के नेताओं के साथ प्रेसवार्ता आयोजित कर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि,जब चुनाव स्थगित हुआ था,तो यही बीजेपी के नेतागण वक्तव्य दे रहे थे कि,नामांकन कराने में उम्मीदवारों का बहुत खर्च हो गया है।और अब जब सिर्फ नगर निकाय के मतदान की तिथि घोषित हुई है,तो नए सिरे से नामांकन होने की बात उठाकर सवाल खड़ा कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि,इस तरह की हरकत से यह साफ प्रतीत होता है कि,वास्तव में भाजपा आरक्षण को समाप्त करने का षडयंत्र रच रही है।बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत में वर्ष 2006 से एवं नगर निकाय में वर्ष 2007 से ही आरक्षण लागू है एवं इसी आधार पर कई चुनाव भी हो चुके हैं।जिलाध्यक्ष ने कहा कि,लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अतिपिछड़ा वर्ग को जो आरक्षण दिये हैं, वह लागू रहेगा।भाजपा की कोई साजिश और षडयंत्र सफल होने वाला नहीं है।
श्री मंडल ने कहा कि,पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अतिपिछड़ा वर्ग आयोग ने इन वर्ग के लोगों का सामाजिक व राजनीतिक पिछड़ेपन का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपी है,जिसे पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी समीक्षा कर इसपर अपना सुविचारित मंतव्य दिया और इसके बाद चुनाव की तिथि की घोषणा हुई।सर्व विदित है कि,इस आयोग के अध्यक्ष पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।
जदयू के जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने कहा कि, भाजपा नकली अतिपिछड़ा प्रेम का लबादा ओढ़कर लोगों को भ्रमित कर रही है।कहा कि,भाजपा का चेहरा इस तथ्य से भी उजागर होता है कि,मई 2022 में मध्यप्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनाव में मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा को ही सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर चुनाव की अनुमति दी थी। मध्यप्रदेश भाजपा शासित राज्य है,इसलिए वहां गठित पिछड़ा वर्ग आयोग में तीन सदस्य भाजपा के विधायक हैं,जिनकी अनुशंसा स्वीकार की जा सकती है और बिहार में पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं,जिनकी अनुशंसा पर नगर निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा हुई है,उस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा को उजागर करने के लिए काफी है।
प्रेसवार्ता के अवसर पर जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष व पूर्व एमएलसी सोनेलाल मेहता, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शहाव उद्दीन, अतिपिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार चौरसिया,जिला उपाध्यक्ष पंकज कुमार पटेल,जिला प्रवक्ता अरविन्द मोहन,राकेश पासवान शास्त्री,प्रदेश सचिव अजय मंडल,मो0 फिरदोश आलम,जिला महासचिव उमेश सिंह पटेल,रामविलास महतो,नगर अध्यक्ष जितेंद्र पटेल,जिला सचिव अनुज शर्मा,पंकज कुशवाहा,राजीव ठाकुर आदि दर्जनों पार्टी के साथी उपस्थित थे।