खगड़िया(गौरव सिन्हा)।
जिले के रहीमपुर स्थित अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय के नाम 1200बीघे जमीन है,लेकिन जमीन के बड़े हिस्से पर दबंगों का कब्जा है।नतीजतन कॉलेज को महज दो-ढ़ाई सौ बीघे जमीन का ही राजस्व मिल पाता है।दबंगों के कब्जे से जमीन मुक्त कराने और खुले में जमीन का डाक कराने को लेकर एक सर्वदलीय शिष्टमंडल आज शुक्रवार को खगड़िया के अनुमंडल पदाधिकारी से मिला है।अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के जमीन की बंदोबस्ती खुली डाक से कराने की मांग को उठाते हुए सर्वदलीय शिष्टमंडल में शामिल युवा शक्ति के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी, जदयू के जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल,राजद के जिलाध्यक्ष कुमार रंजन उर्फ पप्पू,भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार,हम (से) के प्रदेश महासचिव संजय यादव आदि ने अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र सौंपकर कहा है कि,अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर खगड़िया के पास लगभग 1200 बीघे जमीन उपलब्ध है।
कुछ वर्ष पूर्व उक्त जमीन की बंदोबस्ती पच्चीस सौ रुपए प्रति बीघा के दर से की गयी थी।परंतु अधिकांश जमीन पर दबंगों का कब्जा रहने के कारण बंदोबस्त कराने वाले किसान भी जमीन से बेदखल ही रह गए।वर्तमान समय में 1200 बीघा जमीन में से महाविद्यालय को महज 200-250 बीघे का ही राजस्व मिल पा रहा है।अधिकांश जमीन दबंगों के कब्जा में रह जाता है। जिसका राजस्व महाविद्यालय को नहीं मिल पाता है। महाविद्यालय की जमीन का खुली डाक हो जाने से 15-20 हजार रुपए प्रति बीघे के राजस्व की प्राप्ति सीधे महाविद्यालय को होगी। साथ ही साथ जिले के वास्तविक किसानों को महाविद्यालय की जमीन मिल पाएगी और भूदाता स्वर्गीय अवध बिहारी चौधरी जी का सपना भी साकार होगा।
शिष्टमंडल द्वारा कहा गया कि,कुछ रसूख वाले लोग अपनी पहुंच के बल पर कम कीमत में ही महाविद्यालय की जमीन का बंदोबस्त कराते हैं और 15-20 हजार रुपए प्रति बीघा लेकर ठेका पर खेती करने के लिए दे देते हैं।कहा गया है कि,महाविद्यालय की जमीन की खुली डाक होने से सीधा आमदनी महाविद्यालय को मिलेगा।उन्होंने कहा कि, यदि संस्कृत महाविद्यालय की सभी जमीन का बंदोबस्त खुली डाक से करा दिया गया, तो महाविद्यालय को प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक राजस्व मिलेगा।जिससे महाविद्यालय की स्थिति मजबूत हो सकेगी।