खगड़िया(राजकमल)।
विद्यालय के बच्चों को शिक्षा देने के बजाय राजनीति के प्रति अधिक दिलचस्पी रखने वाले बेलदौर प्रखंड प्रमुख सरोजनी देवी के पुत्र संजय कुमार पर विभागीय पदाधिकारी कितने मेहरबान हैं,यह कहने की शायद जरुरत नहीं है।विद्यालय छोड़कर प्रखंड मुख्यालय में अधिकांश समय गुजारने वाले प्रखंड प्रमुख सरोजनी देवी के पुत्र संजय कुमार बेलदौर प्रखंड अंतर्गत कुर्बन मध्य विद्यालय में प्रतिनियुक्त हैं।लेकिन प्रखंड प्रमुख पुत्र विद्यालय पहुंचकर महज हाजिरी बनाकर स्कूल से रुख़सत हो जाते हैं।प्रमुख पुत्र विद्यालय में पंजी पर उपस्थिति दर्ज कर निकल जाते हैं, लेकिन किसी की क्या मजाल कि,उन्हें कोई टोक दे!
स्कूल से निकलने के बाद शिक्षक संजय प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने में लग जाते हैं।जानकारों का कहना है कि,शिक्षक संजय कुमार ने अपनी मां को प्रखंड प्रमुख बनाने में करीब 25 से 30 लाख रुपये खर्च किए हैं।यही कारण है कि,वह अपने आपको किंग समझते हैं और हर रोज विद्यालय पहुंचकर महज अपनी हाजिरी बनाते हैं और प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने में मस्त हो जाते हैं।एक पंचायत समिति सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि,प्रखंड प्रमुख के पुत्र स्कूल में पठन-पाठन के प्रति कम और राजनीति में अधिक दिलचस्पी रखते हैं।वह विद्यालय से अधिकांशत: गायब ही रहते हैं,लेकिन उनके प्रभाव के आगे नतमस्तक विभागीय पदाधिकारी कुछ कहने या कोई कार्रवाई करने से डरते हैं।पंसस के मुताबिक, प्रमुख पुत्र कहते हैं कि,मां को प्रखंड प्रमुख बनाने में जो रुपये खर्च हुए हैं,वह कैसे वापस आएगा।रुपये कमाने के लिए ही तो विद्यालय से गायब रहते हैं।
जब इस संदर्भ में पंचायत के मुखिया रजनीकांत राहुल से पूछताछ की गयी,तो उन्होंने कहा कि,इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी ही कुछ कह सकते हैं।जब प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार से बात की गई,तो उन्होंने कहा कि,शिक्षक संजय कुमार यदि विद्यालय में उपस्थित नहीं रहते हैं,तो इस बात की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी जाए।बहरहाल,कह सकते हैं कि, प्रखंड प्रमुख के विद्यालय से गायब रहने की जानकारी सभी को है,लेकिन शिक्षक संजय का प्रभाव कहें,या…, कोई भी संबंधित पदाधिकारी कुछ भी कहने से इंकार करते हैं।स्थानीय मुखिया हों या पदाधिकारी प्रखंड प्रमुख पुत्र के विरोध में बोलना ही नहीं चाहते हैं।हालांकि प्रखंड प्रमुख के पुत्र ही नहीं,प्रखंड प्रमुख के परिवार में चार-पांच और भी शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं,लेकिन कमोवेश सभी की यही स्थिति है।प्रखंड प्रमुख घर के सभी 4 से 5 शिक्षक-शिक्षिकाएं भी विद्यालय में प्रतिनियुक्त हैं,लेकिन सभी के सभी अपने-अपने कार्य क्षेत्र में उपस्थित नहीं रहते हैं।