सुमलेश कुमार यादव की रिपोर्ट
अरवा चावल के नाम पर जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं द्वारा कहीं रबर का चावल तो उपलब्ध नहीं करा दिया गया है!अगर आप रबर का चावल निगलेंगे,तो गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं।कुछ इसी तरह का मामला सामने आ रहा है खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड से।बेलदौर प्रखंड अंतर्गत पचौत पंचायत के दर्जनों पीडीएस लाभुकों ने बताया कि,डीलर के द्वारा दिया गया चावल नकली है।चावल कच्चे रबर का बना हुआ है।जिसको खाने से कई तरह की बीमारियां पैदा होती है।बताया जा रहा है कि,बीते दिनों पचौत निवासी छतरी चौधरी की पत्नी मंगली देवी सहित वार्ड नंबर 2 के दर्जनों लाभुकों ने बेलदौर के डीलर की दुकान से अरवा चावल लाया।उस चावल को जब लोगों ने पानी भरे बाल्टी में दिया,तो सैकड़ों चावल पानी के ऊपर तैरने लगे।लोगों को शक हुआ कि यह चावल कहीं नकली चावल को नहीं है।बाद में लोगों ने देखा कि,चावल असली चावल नहीं,बल्कि रबर का बनाया हुआ नकली चावल है।
यह बात धीरे-धीरे आग की तरह फैल गयी।सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने इस बात की जानकारी गोगरी के एसडीओ अमन कुमार सुमन को दी।एसडीओ को जानकारी देने के साथ-साथ लोगों ने जब इस संदर्भ में डीलर से जाकर पूछा,तो डीलर ने कहा कि,यह चावल हम नहीं बनाते हैं।सरकार के द्वारा हम लोगों को दिया जाता है।सरकार द्वारा दिए चावल को ही हम लोग लाभुकों को देते हैं।जब इस संबंध में इस संवाददाता सुमलेश कुमार ने गोगरी एसडीओ अमन कुमार सुमन से बात की,तो उन्होंने कहा कि,एमओ को पचौत के लाभुकों के घर एवं डीलर की दुकान पर जाकर जांच करने का निर्देश दे दिया गया है।जांच के बाद ही मालूम होगा कि,आखिर मामला क्या है!हालांकि इसके पूर्व भी लोगों द्वारा कई बार इस बात की जानकारी एमओ घनानंद साहब को देने का प्रयास किया गया,लेकिन वह लाभुकों की बातों को नजरअंदाज करते रहे।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि,जांच का फलाफल क्या आता है!!