गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया जिले के बहुचर्चित समाजसेवी कहे जाने वाले शिक्षक संघ बिहार के जिलाध्यक्ष सह प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार सिंह की रिहाई होते ही उनके समर्थकों की बांछें खिल गई है।उनके जेल से रिहा होते ही उनके समर्थकों द्वारा आचार संहिता को ध्यान में रख कर अपने-अपने अंदाज में जश्न मनाया जा रहा है।सर्वमान्य शिक्षक नेता सह समाजसेवी मनीष कुमार सिंह की रिहाई की खबर मिलते ही सैकड़ों शिक्षकों ने प्रसन्नता जाहिर की है।शायद यह बताने की जरुरत नहीं है कि,सम्पन्न हुए दुर्गा पूजा के ठीक बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान स्थानीय बड़ी दुर्गा स्थान संहौली के समर्थक और खगड़िया पुलिस के बीच हुई नोक झोंक के बाद उपद्रव फैलाने के आरोप में शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था।हालांकि इसके पूर्व खगड़िया जिला पुलिस द्वारा सन्हौली दुर्गा मंदिर के समर्थकों की बेरहमी के साथ पिटाई किए जाने की बात भी सामने आती रही थी।
आम लोगों के साथ हुई मारपीट से आक्रोशित शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने राजेन्द्र चौक पर सड़क जाम कर दिया था और अपने समर्थकों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।इसी दौरान खगड़िया जिला पुलिस ने शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।इस बीच होने वाला नगर निकाय का चुनाव टल गया था।वैसे इसके पहले उन्होंने अपने साथी ज्योतिष मिश्रा की धर्मपत्नी अर्चना कुमारी को खगड़िया नगर सभापति पद (चेयरमैन) के लिए मैदान में उतार दिया था।गिरफ्तारी के बाद कुछ दिनों के लिए चुनाव टल गया था और उनकी गिरफ्तारी भी हो गई थी,सो अलग।लेकिन दूसरी बार राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की निर्धारित तिथि 18 दिसम्बर से ठीक एक दिन पहले उनकी रिहाई से नगर सभापति प्रत्याशी अर्चना कुमारी के समर्थकों में भी खुशी की लहर दौर गई है और सभी आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने अंदाज में खुशियां मना रहे हैं।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि,चुनावी तिथि से ठीक एक दिन पहले सर्वमान्य शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह जब अब जेल से बाहर आ गए हैं,तो मतदाताओं पर और कितना अधिक साकारात्मक असर पड़ता है!!