राजकमल की रिपोर्ट
खगड़िया।सड़क दुर्घटना में मौत के शिकार हुए टैंक लोरी चालक की पत्नी मुआवजे के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रही है।लेकिन कोई उनकी सुन नहीं रहा है।स्थिति यह है कि, टैंक लोरी के ऑनर ड्राइवर की पत्नी को मुआवजा देना नहीं चाह रहे हैं और जिले के बेलदौर थानाध्यक्ष प्राथमिकी दर्ज करने की बात तो दूर, ड्राइवर के पत्नी की व्यथा-कथा सुनने तक को तैयार नहीं हैं।अब सवाल यह उठ रहा है कि,मौत के आगोश में समा चुके ड्राइवर की पत्नी अपनी तीन पुत्री एवं एक पुत्र की देखभाल आखिर कैसे करेगी!कैसे होगा चार संतानों का परवरिश!पूरा मामला जिले के बेलदौर थाना क्षेत्र के साथ-साथ सहरसा से जुड़ा है।दरअसल,बीते एक 11 दिसंबर को बेलदौर थाना क्षेत्र अंतर्गत तीन डोभा गांव के पास एनएच 107 घने कोहरे के कारण टैंक लोरी पलट गया था।घटनास्थल पर ही टैंक लोरी के ड्राइवर लालपुर सरोपट्टी निवासी टुनटुन ठाकुर की दर्दनाक मौत हो गई थी।मौत का शिकार हुए टुनटुन ठाकुर टैंक लोरी को लेकर सहरसा से बरौनी रिफाइनरी जा रहे थे।इसी दौरान घने कोहरा रहने के कारण ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया और टैंक लोरी एनएच107किनारे गड्ढ़े में जा पलटा।टैंक लोरी पर सवार दो युवक तो बाल-बाल बच गए,लेकिन चालक टुनटुन ठाकुर की दर्दनाक मौत हो गई।दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके टुनटुन ठाकुर की पत्नी डोली देवी का कहना है कि,टैंक लोरी के ऑनर के द्वारा मुआवजा देने के नाम पर आनाकानी की जा रही है।इतना ही नहीं,टैंक लोरी ऑनर द्वारा स्थानीय थाना अध्यक्ष को झांसे में लेकर मामले को रफा-दफा कराने का प्रयास किया जा रहा है।इधर,मृतक की पत्नी डोली देवी जब बेलदौर थाना अध्यक्ष को आवेदन देने के लिए गई,तो थानाध्यक्ष ने आवेदन लेने तक से इंकार कर दिया।बेलदौर थाना से रोती बिलखती बाहर निकली डोली देवी लोगों से बिलख-बिलख कर अपना हाल सुना रही थी।बहरहाल,अब देखना दिलचस्प होगा कि,बेलदौर थानाध्यक्ष रो-बिलख रही डोली देवी की व्यथा-कथा जानकर पसीजते हुए उनका आवेदन स्वीकारते हैं अथवा टैंक लोरी चालक की पत्नी मुआवजे के लिए बिलखती ही रह जाती है!!