गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया।विभिन्न खेतों में जल-जमाव की समस्या से आजिज किसानों का गुस्सा फूटने लगा है।जल-जमाव की समस्या सहित अन्य समस्याओं से आजिज किसानों का जत्था आज जिला अधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन से समाहरणालय में जाकर मिला और ज्ञापन सौंपा।बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू के नेतृत्व में डीएम को ज्ञापन सौंपकर किसानों ने ईटबा स्लूस की चर्चा करते हुए कहा कि,अवर प्रमंडल बाढ़ नियंत्रण बदला घाट के सहायक अभियंता मछुआरों और संवेदक को लाभ पहुंचाने की नियत से बाढ़ के समय स्लुईस को खोल दिए।जिससे बाढ़ का पानी खेतों में घुस गया। शोरगुल होने पर ठीकेदार ने बालू भरे बोरे को स्लुइश में गिरा दिया।जिससे जल जमाव की स्थिति बन गयी है। किसानों का कहना था कि, ईटबा स्लुईश में गिरे बोरे की जांच की जाय तथा अवर प्रमंडल बाढ़ नियंत्रण बदला घाट के सहायक अभियंता पवन कुमार के खिलाफ प्रपत्र ‘क’ गठित किया जाय।ईटबा स्लुईश पर वर्षों से सहायक अभियंता पवन कुमार और संवेदक ललन कुमार के गठजोड़ के तहत हो रहे कार्यों की जांच की जाय और गिराए गए बोरे की गिनती विपत्र से की जाय।
ज्ञापन में किसानों ने यूरिया की चर्चा करते हुए कहा है कि,जिले मे यूरिया के साथ जिम जिंक देना बंद कर खाद की कालाबाजारी पर रोक लगे।साथ ही खाद की काला बाजारी में संलिप्त कृषि समन्वयक एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाय।गैर मजरुआ खास जमीन पर लगे भू राजस्व लगान,रसीद पर लगे रोक को हटाया जाय तथा उक्त जमीन पर किसानों को सभी कृषि लाभ दिया जाय।
बंद राजकीय नलकूपों को चालू किया जाय,निसहरा से सोनमनकी पथ,चनहा नदी से संतोष स्लुईश के आगे पीछे, चौथम के घाघरी नदी,सैदपुर से खारोंधार तक बंद जल बहाव को चालू कराने के लिए मिट्टी की उराही करायी जाय।घरों व दरवाजे के आगे निजी जमीन पर खड़े बिजली पोल को सड़क के किनारे किया जाय।जिला अधिकारी से मिलने वाले किसानों में सूर्य नारायण वर्मा,पांडव निराला, पूर्व मुखिया,बीरेंद्र यादव,शशि यादव,मुनीलाल यादव, मोहम्मद शदुल्ला,चंदन कुमार, राकेश सिंह आदि शामिल थे।