राजेश सिन्हा की रिपोर्ट
प्रेमिका द्वारा ठुकराया गया पागल प्रेमी मोहित इस कदर अंदर से टूट गया था कि, अंतत:एसिड पीकर अपने-आपको मौत के हवाले कर दिया।इस घटना के बाद से विभिन्न आरोपों के कारण बाल सुधार गृह में रह रहे दर्जनों किशोर व्यथित हैं और मोहित की चर्चा करते रहते हैं बाल सुधार गृह में रह रहे किशोर कहते हैं कि,जबसे वह बाल सुधार गृह में आया था, पहले से रह रहे किशोर उससे घुलना मिलना चाहते थे, लेकिन वह हर पल गम में खोया रहता था और अंतत: एक दिन मौका पाकर सीढ़ी के नीचे रखा शौचालय साफ करने वाला एसिड पी लिया।गंभीर हालत में उसे पहले खगड़िया सदर अस्पताल फिर मायागंज स्थित अस्पताल ले जाया गया,लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मामला खगड़िया जिले के चित्रगुप्तनगर स्थित पर्यवेक्षण गृह का है।बताया जा रहा है कि,मूल रुप से लखीसराय जिले के कवैया स्थित हसनपुर का रहने वाले मोहित के विरुद्ध बेगूसराय की रहने वाली एक युवती ने आईटी एक्ट के तहत उसी जिले के रतनपुर थाना में उसके विरुद्ध मामला दर्ज कराया था।युवती का आरोप था कि,मोहित ने सोशल मीडिया पर उसके नाम से एक फर्जी एकाउंट बना लिया है और अनाप-शनाप पोस्ट करता रहता है।बीते 27 नवम्बर को युवती द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद मोहित 12 दिसम्बर को पुलिस के गिरफ्त में आ गया।चूंकि मोहित किशोर की श्रेणी में आता था,इसलिए पुलिस ने उसे अपने संरक्षण में लेते हुए जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया।कोर्ट के द्वारा बाल सुधार गृह भेजने का आदेश जारी किए जाने के बाद उसे खगड़िया के बाल सुधार गृह (पर्यवेक्षण गृह)में लाया गया।
पर्यवेक्षण गृह में रह रहे अन्य किशोर बताते हैं कि,वह बाल सुधार गृह में आने के बाद से ही बुझा-बुझा सा रहता था और बीते गुरुवार को सीढ़ी के नीचे रखे शौचालय साफ करने वाला एसिड पी लिया।उसकी हालत बिगड़ती देख खगड़िया सदर अस्पताल ले जाया गया।लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए भागलपुर के मायागंज स्थित अस्पताल ले जाया गया,लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।युवती द्वारा थाने में दी गई तहरीर में कितनी सच्चाई है,यह कहना तो मुश्किल है।लेकिन मोहित द्वारा जो सुसाइड नोट लिखा गया,उसे देखकर यह कहने में शायद कोई संकोच नहीं है कि,मोहित शिकायत दर्ज कराने वाली युवती से बेपनाह मुहब्बत करता था।मोहित द्वारा छोड़े गए सोसाइड नोट पर गौर फरमाए,तो मोहित छह माह पहले की बात लिखते हुए लिखता है कि,सब कुछ ठीक चल रहा था।लेकिन एक दिन युवती का अचानक कॉल आया और बोली कि,अब वह दोनों आपस में सम्पर्क नहीं करेंगे।मोहित उस दिन को अपनी जिंदगी का सबसे बुरा दिन बताते हुए लिखता है कि, उसी दिन उसने अपने आपको खत्म करने के बारे में सोचा।लेकिन मॉम ने जब उससे बात की,तब वह अपने आप पर नियंत्रण पा सका।
‘बलंडर मिस्टेक ऑफ माइ लाइफ’हेडिंग डालकर जो कुछ लिखा है,उससे यह स्पष्ट है कि,शिकायत दर्ज कराने वाली युवती और मोहित (बदला हुआ नाम)के बीच प्यार के गहरे डोर बंधे थे।मोहित ने सोसाइड नोट में लिखा है कि,किसी को किसी से ज्यादा प्यार करना नहीं चाहिए।क्योंकि जब वह छोड़कर जाती है,तो उस दर्द को बर्दाश्त करना मुश्किल होता है।मोहित अच्छा खासा पढ़ा लिखा था,ऐसा उसके द्वारा छोड़े गए सोसाइड नोट से स्पष्ट लगता है।उसने अपने प्यार और विश्वास को जिंदगी की बड़ी भूल बताते हुए लिखता है कि,उसके पार्टनर ने जो कुछ भी किया,उसे पूरा लिख पाना मुश्किल है।बिल्कुल कहानी के अंदाज में उसने लिखा है कि,किसी ने पूछा कि,तुम आज इतने उदास क्यों हो!मोहित ने जबाव में लिखा कि,वह हर दिन उदास रहता है।लेकिन आज उसे छिपाने की उसमें शक्ति नहीं है।
बहरहाल,बाल सुधार गृह में कार्यरत होमगार्ड जवान जय प्रकाश यादव द्वारा मायागंज अस्पताल में दर्ज कराए गए बयाने के बाद से मोहित का किस्सा फिजां में तैर रहा है और लोग युवती को कोसने से बाज नहीं आ रहे हैं।गमजदा परिजन सिसकते तो हैं,लेकिन मोहित की पूरी कहानी ब्यां भी कर रहे हैं।अब सवाल तो यह उठता है कि,बाल सुधार गृह में जब सीसीटीवी लगा है,तो फिर मोहित ने एसिड कैसे पी लिया!हालांकि इसके पहले भी कई चूक सामने आ चुके हैं।कई बार बच्चे ग्रील काटकर बाल सुधार गृह से फरार हो चुके हैं।