गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया।खगड़िया सदर प्रखंड अंतर्गत रसोंक गांव स्थित इमामबाड़ा चौक पर फुले अंबेडकर जगदेव कर्पूरी फातिमा मंडल विचार मंच के बैनर तले भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका का 193वां जन्मदिवस मनाया गया।मोहम्मद इमरान आलम की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह का संचालन युवा शक्ति के जिला महासचिव मोहम्मद आलम राही ने किया।मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित युवा शक्ति के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि,जहां एक तरफ हम आजाद हिंदुस्तान में धर्म संप्रदाय की कट्टरता पर खूंटे गाड़ रहे हैं,वहीं गुलाम हिंदुस्तान में सावित्रीबाई फुले व फातिमा शेख जैसी महिला जाति,धर्म व वर्ण जैसी कट्टरता तोड़कर बालिका को शिक्षा देने की ज्योति जला रही थी।
हम भारत के उपेक्षित दलित अल्पसंख्यक पिछड़ों को समझना पड़ेगा कि,हम आज बच्चे को स्कूल कैसे भेज रहे हैं।जिस समय धर्म की कट्टरता परवान पर थी, उस समय फातिमा शेख और उनके बड़े भाई उस्मान शेख अपने समुदाय के तिरस्कार को तिलांजलि देते हुए किस प्रकार समाज सुधारक महात्मा ज्योति राव फूले एवं उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले को अपने घर में आश्रय देकर शिक्षा की दीप जलाने एवं सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने का हर संभव सहयोग किया था।फातिमा शेख और उस्मान शेख आधुनिक युग में जीने वाले कट्टर हिंदू मुस्लिम के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
जाप के जिला अध्यक्ष कृष्णानंद यादव ने कहा कि,जिस वक्त किसी भी छोटी जाति के लोगों को पढ़ने-लिखने अथवा ज्ञान की बात करने पर मनुवादियों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था,उस वक्त कोई गरीब महिला शिक्षा के लिए अपमान सहने के लिए तैयार हो गई थी।उन्होंने कहा कि,जरा ठंडे दिमाग से सोच कर देखें,तो परिणामस्वरुप आपके सामने होगा कि,हम हिंदू मुसलमान की बात भूलकर सिर्फ शिक्षित इंसान बनने की बात करेंगे।एेसा करने पर ही हमारे महापुरुषों के सपने का भारत बन सकेगा।
जन अधिकार युवा परिषद के जिलाध्यक्ष अभय कुमार गुड्डू,मोहम्मद इमरान और आलम राही ने कहा कि, अंधविश्वास हर धर्म संप्रदाय में होता है।
अंधविश्वास और कट्टरपंथी हमारे समाज के विकास में बाधक बनता है।महापुरुषों से सीख लेकर उन्हें याद करना यदि किसी धर्म संप्रदाय को गलत लगता हो, तो लगे।
यदि हम सच्चे मानवतावादी हैं,तो किसी भी धर्म की कट्टरता का मुखालफत करना होगा।
मास्टर ऐयुब,मोहम्मद सरफराज आलम,हारुन रसीद,मोहम्मद अफरोज आलम,मोबम्मद हसीन, मोबम्मद कासीम उद्दीन, अब्दुल गफ्फार,चंदेश्वरी तांती,नूर आलम,अनवर आलम,मोबम्मद शारीब, अजबलाल तांती व मनोज तांती ने कहा कि, मरहूम फातिमा शेख और उनके बड़े भाई उस्मान शेख के ज्ञान की ज्योति तब तक जलती रहेगी, जब तक हिंदुस्तान में शिक्षा के नाम पर क्रांति की बात होती रहेगी।