खगड़िया(श्रवण आकाश)।
63 आर आर जम्मू राजौरी में पदस्थापित रहे भारतीय सेना के जवान जिले के परबत्ता प्रंंखड अंतर्गत सियातदपुर अगुआनी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग गांव निवासी अंकेश कुमार चौधरी का पार्थिव शव दानापुर सेना कैम्प पहुंच चुका है।दानापुर कैंप में सेना के जवानों द्वारा सलामी देने के बाद उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को डुमरिया बुजुर्ग गांव पहुंचना है।परबत्ता के विधायक डॉक्टर संजीव ने वहां पहुंचकर श्रद्धांजलि दी है।यहां यह बताना जरुरी है कि,भारतीय सेना के जवान हवलदार अंकेश कुमार चौधरी का निधन मंगलवार को उद्धमपुर के कमांड अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया है।वह जिले के परबत्ता प्रंंखड के सियातदपुर अगुआनी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग गांव निवासी नारद चौधरी व माता सीता देवी के पुत्र थे।लंबी बीमारी के कारण भगवान हो प्यारे हुए अंकेश कुमार चौधरी के माता-पिता का निधन पहले ही हो गया था।परिजनों के मुताबिक,भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत अंकेश कुमार चौधरी बीते एक माह से बीमार चल रहे थे।
उद्धमपुर के कमांड अस्पताल में इलाजरत अंकेश कुमार चौधरी ने इलाज के दौरान मंगलवार को अंतिम सांस ली।उनके छोटे भाई अंकुर कुमार चौधरी का कहना है कि,महज 16वर्ष के उम्र में अंकेश कुमार चौधरी 2003 में कटिहार बीआरओ से सेना में भर्ती हुए थे।उनकी शादी बीते 2007 में भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत सोनवर्षा गांव की प्रिया कुमारी से हुई थी।उन्हें चौदह वर्षीय पुत्री आदित्यि, ग्यारह वर्षीय भव्या एवं एक सात वर्षीय पुत्र आरव हैं।दिवंगत अंकेश कुमार चौधरी के छोटा भाई अंकुर चौधरी भी बीएसएफ में कार्यरत हैं।अपने बड़े भाई के निधन से मर्माहत अंकुर चौधरी ने बताया कि,बीते छठ पूजा के अवसर पर छुट्टी में उनके भाई अंकेश कुमार चौधरी गांव आए हुए थे।
डुमरिया बुजुर्ग के लोगों का कहना है कि, भारतीय सेना के हवलदार अंकेश कुमार चौधरी का परिवार अम्बाला में ही रहता है।दिवंगत सेना के जवान की पत्नी एवं बच्चे अम्बाला से डुमरिया बुजुर्ग गांव के लिए निकल चुके हैं।
इधर,हवलदार अंकेश कुमार चौधरी के निधन की खबर सुनते ही पूरे खगड़िया में शोक की लहर दौर गयी है।डुमरिया बुजुर्ग में मातमी सन्नाटा पसरा है और उनके पार्थिव का दर्शन पाने को ले लोग व्याकुल हैं।बहुचर्चित अगुवानी के गंगा घाट पर सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।