एसडीएफ लाइव इंडिया
खगड़िया।केन्द्र सरकार का बजट निश्चित तौर पर किसान विरोधी है।2023-24 के बजट में कृषि उत्पाद पर पूर्व से लगे 5% जीएसटी को नहीं हटाया गया है।जिससे मंहगाई रुकेगी नहीं,बल्कि और बढ़ेगी।उक्त बातें बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने एक बयान जारी कर कही है।उन्होंने कहा है कि,अभी देश का जीडीपी यानी आर्थिक विकास में कृषि क्षेत्र का योगदान 7% होने के बावजूद भी इस बजट में कृषि पर फोकस नहीं किया गया है।उर्वरक में सब्सिडी को नहीं बढ़ाया गया है और न ही यांत्रिकी पर सब्सिडी बढ़ाया है।इतना ही नहीं,न ही सिचाई के लिए हर खेत को बिजली पहुंचाने की कार्य योजना को अमल में लाया गया है और न ही अनाज के तौर पर मक्का, ज्वार,बाजरा आदि के निर्यात को लेकर कोई योजना लायी गयी है।
किसान नेता धीरेंद्र सिंह टुडू ने कहा है कि,दुर्भाग्य है कि,मोदी सरकार के कार्यकाल में बीते 8 वर्षो में किसानों की आय मात्र 8% बढ़ी है।जबकि वर्ष 2022 में ही आय दोगुनी करनी थी।इसलिए कह सकते हैं कि,यह सरकार किसान विरोधी है।किसान के कद्दावर नेता श्री टुडू ने कहा है कि, बजट में केसीसी लोन के लिमिट को न ही बढ़ाया गया है और न ही ऋण के शूद दर को घटाया गया है।कृषि को लाभदायी बनाने तथा किसानों के आय बढ़ाने के लिए एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने की जरुरत थी।
लेकिन इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया और न ही मनरेगा को कृषि क्षेत्र से जोड़ा गया है।कह सकते हैं कि,लोकसभा में पेश किया गया बजट किसान विरोधी के साथ-साथ बिहार विरोधी भी है।