खगड़िया(मोहम्मद नैयर)।
जिले के विभिन्न स्कूलों में गुरुजी के द्वारा बच्चों का निवाला तो गटक ही लिया जाता है,फल के नाम पर बच्चों को सड़ा-गला फल शिक्षक देते हैं।शिक्षकों द्वारा दिए गए सड़े-गले बच्चे या मजबूरी में खा लेते हैं अथवा फेंक देते हैं।अन्य जगहों के मामले को कुछ देर के लिए दरकिनार कर अगर बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय छोटी भरना की करें,तो कमोवेश यहां भी यही हाल है।सरकार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में शुक्रवार को बच्चों के बीच अंडा और फल दिए जाना भी पूरी तरह मुनासिब नहीं समझा जाता है।स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चों का कहना है कि,विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अंडा एवं फल तो शिक्षक द्वारा दिया जाता है, लेकिन फल खाने योग्य नहीं होता है।जिसके कारण बच्चे फल को फेंक देते हैं।उक्त विद्यालय में नामांकित छात्र छात्राओं की संख्या 165 बताई जा रही है।हालांकि आज शुक्रवार को विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 91 थी।
उक्त विद्यालय में रंग रोगन तक नहीं किया गया है।दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि, विद्यालय में पढ़ाई नाम मात्र की होती है।प्रधानाध्यापक अक्सर विद्यालय से गायब रहते हैं।जिसके कारण छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में दिख रहा है।इन मामलों पर प्रधानाध्यापक राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि,बाजार में जो फल उपलब्ध रहता है,वह बच्चों को देते हैं।उन्होंने विद्यालय में रंग-रोगन के सवाल पर कहा कि,मजदूर नहीं मिलने के कारण स्कूल का रंग रोगन विद्यालय का नहीं हो पाया है।बताते चलें कि,प्रखंड मुख्यालय से सटे प्राथमिक विद्यालय तिलाठी की भी स्थिति बद से बदतर है।
विद्यालय में छात्र-छात्राओं को स्वच्छ पानी तक नसीब नहीं हो रहा है।एमडीएम के नाम पर अनियमितता बरतने की भी बात सामने आयी।