एसडीएफ न्यूज ब्यूरो
खगड़िया।जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र में होली के दौरान हुई गोलीबारी मामले के जिस आरोपित की तलाश पुलिस सरगर्मी के साथ कर रही थी, उसकी लाश आज परबत्ता थाना क्षेत्र के अठनिया दियारा में गंगा किनारे से मिली है।गोलीबारी मामले के आरोपित की लाश मिलते ही इलाके में सनसनी मच गई है और तरह-तरह के सवाल इसलिए उठ रहे हैं,क्योंकि परबत्ता प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सियादतपुर अगुवानी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग गांव स्थित एक बगीचे से बीते 4 मई की रात से ही सूरज कुमार लापता बताया जा रहा था और पुलिस यह कहकर लापरवाही बरत रही थी कि,सूरज गोलीबारी मामले का आरोपित है।जबकि सूरज कुमार की मां शोभा देवी ने स्थानीय परबत्ता थाना में आवेदन देकर पुलिस से कहा था कि,घर के समीप स्थित बगीचे से ही उनका पुत्र गायब है।सूरज की मां ने उसके अपहरण की आशंका भी जतायी थी।लेकिन पुलिस ने यह कहकर मामले को गंभीरता से नहीं लिया कि, सूरज कुमार गोलीबारी के मामले में आरोपित है और परिवारजन उसे बचाने के लिए तरह-तरह का तिकड़म लगा रहे हैं।शोभा देवी ने अपने पुत्र के अपहरण की आशंका जताते हुए दो लोगों को आरोपित भी किया था।
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि,22वर्षीय सूरज कुमार की मां ने थाना में आवेदन देकर कहा था कि,बीते चार मई को उनका पुत्र घर के समीप स्थित एक बगीचे में गया था और फिर वापस लौटकर घर नहीं आया है।सूरज की मां द्वारा पुत्र के अपहरण की आशंका जताते हुए गांव के ही दो लोगों को आरोपित किया गया था।स्थानीय लोगों की माने तो दुश्मनी के कारण ऐसी घटना को अंजाम दिया गया है।स्थानीय लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि,दारु,दारुबाज और दारु माफियाओं से सांठ गांठ उसी महफिल में समय गंवाने वाली पुलिस अब लोगों की शिकायत तक सलीके से नहीं सुन पाती है।कार्रवाई की बात ही छोड़ दीजिए।
इधर शव मिलने की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची परबत्ता थाना पुलिस शव का शिनाख्त कराते हुए पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया जुट गई है।परबत्ता थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल ने कहा कि सूरज कुमार पर बीते होली के समय गोलीबारी की घटना को अंजाम देने को लेकर मामला दर्ज किया गया था।उस मामले में वह फरार चल रहा था।पुलिस उसे ढूंढ रही थी,लेकिन वह पकड़ में नही आ रहा था और ना ही वह आत्मसमर्पण कर रहा था।उन्होंने कहा कि सूरज की लाश मिलने के मामले की पुलिस गहनता पूर्वक पड़ताल कर रही है।सूरज की हत्या में संलिप्त अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
बहरहाल,परबत्ता के थानाध्यक्ष इस मामले में चाहे जो कुछ भी दलील दे दें,लेकिन यह कहने में कहीं कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि,पुलिस अगर लापरवाही नहीं बरतती तो अपहृत बताए जा रहे सूरज का सूरज शायद अस्त नहीं होता और वह जिंदा होता।