गौरव सिन्हा
खगड़िया ।सुधार गृह के बजाय यातना गृह के नाम से चर्चित खगड़िया मंडल कारा में असहाय और गरीब कैदियों पर कब तक जुल्म ढ़ाया जाता रहेगा,यह तो शासक-प्रशासक ही जानें।लेकिन खगड़िया के बाहुबली पूर्व विधायक रणवीर यादव ने खगड़िया मंडल कारा में असहाय और गरीब कैदियों पर ढ़ाए जा रहे सितम सहित कारा अधीक्षक की दादागिरी का पूरा काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है।उन्होंने कारा एवं सुधार सेवाओं के महानिरीक्षक को पत्र प्रेषित कर खगड़िया मंडल कारा खगड़िया के अधीक्षक धर्मेन्द्र कुमार के विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगाया है।
मंडल कारा अधीक्षक,खगड़िया के विरुद्ध बंदियों का भयादोहन कर अवैध धन उगाही करने का गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक रणवीर यादव ने अपने अंदाज में कहा है कि काराधीक्षक जेल को सुधार गृह के बजाय यातना गृह बना रहे हैं,जो बर्दाश्त योग्य नहीं है।उन्होंने कहा कि मंडल कारा खगड़िया के अधीक्षक धर्मेन्द्र कुमार एक अत्यंत ही दुष्ट पदाधिकारी हैं।यह वर्ष 2021 से मंडल कारा खगड़िया में अधीक्षक के पद पर विराजमान हैं।जबसे इनकी पदस्थापना खगड़िया मंडल कारा में अधीक्षक के पद पर हुई है,तब से लेकर अब तक इनके सह पर कारा बंदियों के साथ अत्याचार वलमारपीट तो किया ही जाता है, धन उगाही के लिए अन्यंत्र जेल भेजने जैसा कुकृत्य भी किया जा रहा है।जिसके संबंध में जिले के कई विचाराधीन बंदियों के परिजनों द्वारा शिकायत की जा रही है।जबकि किसी भी विचाराधीन बंदी को अन्य जेल स्थानांतरित करने के लिए संबंधित न्यायालय सहित कारा मुख्यालय और जिला प्रशासन का आदेश प्राप्त होना आवश्यक है संबंधित न्यायालय,कारा मुख्यालय और जिला प्रशासन के द्वारा आदेश प्राप्त करने के उपरान्त ही बंदी को किसी दूसरे जेल में स्थानांतरित किया जाना है।इतना ही नहीं,इसके लिए बंदी के ऊपर कारा में उल्लेखित आरोपों का पुख्ता प्रमाण के आधार पर आदेश प्राप्त करना है।परन्तु काराधीक्षक के द्वारा सभी नियम और शर्तों को ताक पर रखकर सिर्फ अवैध धन उगाही के लिए अपने अधिकार का दुरुपयोग कर बंदी को प्रताड़ित किया जा रहा है,जिसके अनेकों प्रमाण हैं।
पूर्व विधायक श्री यादव का कहना है कि बुधवार को कारा में बंद विचाराधीन बंदी खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत रामपुर अलौली के पूर्व मुखिया अमरेन्द्र कुमार प्रदीप के पुत्र अंजनी मंडल के परिजनों के द्वारा जानकारी दी गयी है कि कारा में बंद अंजनी मंडल से एक लाख रुपये और एक गाय की मांग की गयी और नहीं देने पर अकारण मंडल कारा खगड़िया से विशेष केन्द्रीय कारा भागलपुर भेज दिया गया है ।
पूर्व विधायक रणवीर यादव ने कहा कि तीन साल से अधिक सजायाप्ता खूंखार कैदियों को मंडल कारा में रखने का प्रावधान नहीं है।बावजूद इसके कारा अधीक्षक अपने चहेते दलालों को सजा के बाद भी कारा में रखकर उससे खुलेआम धन उगाही करवाते हैं।रुपये नहीं देने वाले कैदियों के साथ अमानवीय रुप से पिटाई की जाती है,जो घोर निंदनीय है।उन्होंने कहा कि पिटाई के कारण हाल ही में दो बंदियों की मौत भी हो गई है।जिसके विरुद्ध जेल के बाहर बंदियों के परिजनों द्वारा कारा अधीक्षक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।उन्होंने यह भी कहा कि जिन बंदियों से नजराना नहीं मिलता है,उस पर गलत तरीके से झूठा आरोप लगाकर कारा महानिरीक्षक से गलत प्रतिवेदन के आधार पर स्थानांतरण का आदेश लिया जाता है,जो गंभीर मामला है।उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले कारा अधीक्षक,खगड़िया के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने की मांग कारा महानिरीक्षक, बिहार से की है।
इधर जानकारों कि कहना है कि खगड़िया मंडल कारा के अंदर अगर औचक निरीक्षण किया जाय तो यह प्रमाणित हो जाएगा कि पैसों के बल पर यहां के अमीर व रसूखदार कैदियों तक नशे या सामान कैसे पहुंचता है!
बहरहाल,पूर्व विधायक द्वारा प्रेषित पत्र के आलोक में बिहार के कारा महानिरीक्षक द्वारा किस तरह की कार्रवाई की जाती है,यह तो देखने वाली बात होगी,लेकिन यह कहने में कहीं संकोच नहीं है कि खगड़िया मंडल कारा में जुल्म की पटकथा तो रोज लिखी ही जा रही है,यह मंडल कारा गरीब और असहाय कैदियों के लिए यातना गृह तो अमीर और रसूखदार कैदियों के लिए ऐशगाह बनकर रह गया है।