मोहम्मद नैयर आलम
बेलदौर(खगड़िया)।कोसी नदी की तरेरती आंखें लोगों को दहला रही है।जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने के कारण गांधीनगर इतमादी में कटाव ने भयानक रुप ले लिया है।अब तक लगभग चालीस घरों को कोसी लील चुकी है।स्थिति यह है कि,स्थानीय लोग अपने-अपने घरों को तोड़कर दूसरी जगह आशियाना सजा रहे हैं।लेकिन कोसी नदी अपना कहर बरपाने से बाज नहीं आ रही है।जिसके ग्रामीण दहशतजदा हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज गति से हो रहे कोसी के कारण ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।लगभग चालीस घर कोसी के गर्भ में समाने को बाद भी कई भवन कोसी के निशाने पर हैं।उक्त पंचायत के मुखिया हिटलर शर्मा, पंचायत समिति सदस्य मुनेश शर्मा,वार्ड नंबर 4 की वार्ड सदस्य रानी देवी, मनोज शर्मा,रानी पंडित, सुबोध शर्मा,रघुनी शर्मा, सज्जन पासवान,सुभाष पासवान,पवन पासवान,मुकेश पासवान,गुलशन पासवान,लालो शर्मा,मुरलीधर शर्मा समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि जब-जब कोसी नदी के जसस्तर में वृद्धि होती है तो कटाव विकराल रुप कर लेता है।
ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह बारुण गांव कटाव निरोधात्मक कार्य के नाम पर बोल्डर दिया गया है,उसी तरह गांधीनगर गांव के समीप भी कटाव निरोधात्मक कार्य किया जाना चाहिए।आक्रोशित ग्रामीण कहते हैं कि गांधीनगर इतमादी में हो रहे भीषण कटाव की जानकारी स्थानीय पदाधिकारियों के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी है,लेकिन कोई पदाधिकारी सुधि लेने को तैयार नहीं हैं।कटाव निरोधात्मक कार्य कराए जाने की बात तो दूर कटाव स्थल का मुआयना करना तक मुनासिब नहीं समझा गया है।आक्रोशित ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर इसी तरह कटाव होता रहेगा तो अबकी बार गांधीनगर गांव का कोसी के गर्भ में समाना तय है।कह सकते हैं कि,गांधीनगर का अगर अस्तित्व ही मिट जाय तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि तमाम स्थिति की जानकारी होने के बाद भी प्रशासनिक पदाधिकारी इस ओर ध्यान देते हैं या गांधीनगर के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ देते हैं!!