इरशाद अली/खगड़िया ब्यूरो
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों खासे सुर्खियों में हैं।विभागीय पदाधिकारियों और शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए उनके द्वारा जारी कुछ आदेश की प्रशंसा हो रही है,तो कुछ आदेश की जमकर आलोचना भी हो रही है।बात अलग है कि कोई खुलकर प्रतिरोध नहीं कर रहा है।लेकिन आने वाले समय में केके पाठक द्वारा जारी आदेश को लेकर अगर बवंडर मचे,तो शायद किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।वैसे अपने बेबाक बोल के लिए चर्चित खगड़िया के सामाजिक कार्यकर्ता अभय कुमार गुड्डू ने सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच कोचिंग संस्थान के संचालन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
श्री गुड्डू ने कोचिंग संस्थानों के लिए इस तरह के आदेश को बिहारी छात्रों के भविष्य को मिटाने वाला आदेश बताया है और कहा है कि आईएएस और आईपीएस के बच्चे तो बिहार के बाहर जाकर अच्छी शिक्षा हासिल कर लेते हैं,लेकिन बिहार के गरीब छात्रों का एकमात्र सहारा कोचिंग संस्थान ही है।कोचिंग संस्थान से ही शिक्षा हासिल कर ऐसे बच्चे बिहार के नाम को देश में गौरवान्वित करते है।श्री गुड्डू ने कहा कि केके पाठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के बजाय सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं।सरकारी विद्यालयों की स्थिति क्या है, किसी से छुपी हुई नहीं है।केके पाठक को यदि सरकारी स्कूलों की शिक्षा पर इतना ही भरोसा है तो सरकार की ओर से आदेश जारी करवा दें कि सरकारी दफ्तर में कार्यरत सभी कर्मचारी और अधिकारी के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करें,अन्यथा नौकरी से बाहर कर दिए जाएंगे।उसके बाद उन्हें खुद अंदाजा लग जाएगा कि शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा का आलम क्या है?
उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं।उच्च विद्यालय और इंटर विद्यालय में मात्र एक से दो शिक्षक हैं।कई जगह तो मिडिल स्कूल के शिक्षक ही उच्च विद्यालय का संचालन करते हैं।ऐसी स्थिति में कोचिंग संस्थान पर प्रतिबंध लगाना बिहार के छात्रों को उचित शिक्षा से वंचित रखने की साजिश प्रतीत होती है।उन्होंने केके पाठक से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पहले सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करें।विद्यालय में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की पदस्थापना करावें।साथ ही विद्यालय में अन्य सुविधाएं दुरुस्त करावें,ताकि छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।यदि यह कर दिया जाएगा तो कोचिंग संस्थान पर प्रतिबंध लगाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।छात्रों को विद्यालय में ही सही शिक्षा मिल जाय तो कोचिंग संस्थानों में खुद-ब-खुद ताला लग जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में सिर्फ गरीब वर्ग के लोग अपने बच्चे को कोचिंग में पढ़ाते हैं।अमीरों के बच्चे तो कोटा-दिल्ली में पढ़ाई कर लेते हैं।सरकार यदि शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर दे तो कोई भी छात्र कोचिंग में रुपए लूटाने नहीं जाएंगे और यदि केके पाठक सिर्फ आदेश जारी करेंगे तो बिहार के अभिभावक और छात्र उन्हें मुंहतोड़ जवाब भी देंगे।