रेशु रंजन/खगड़िया
कहने को तो जिले का गोगरी नगर पंचायत नगर परिषद में तब्दील हो गया,लेकिन न ही बदहाल सड़कों की सूरत बदली और न ही लोगों को जल जमाव की समस्याओं से निजात मिल सका।स्थिति यह है कि गोगरी नगर परिषद के वार्ड नंबर तेरह और पंद्रह में जल जमाव की समस्या विकराल बनी हुई है।लोगों में डायरिया और मलेरिया बीमारी फैलने का भय समाया रहता है।बावजूद इसके नगर परिषद के वार्ड पार्षद की कौन कहे,कार्यपालक पदाधिकारी भी मतरसुन्न बने हुए हैं।जबकि पिछले एक माह से पानी जमाव के कारण पानी से बदबू आनी लगी है।पानी के सड़ांध से लोग बेहाल हैं।
लगातार बारिश होने से वार्ड में घुटना भर पानी जमा है।स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इस संदर्भित शिकायत की गयी।बावजूद इसके कुम्भकर्णी निद्रा में सोए वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी की तंद्रा भंग नहीं हो रही है।आक्रोशित वार्ड वासियों का कहना है कि वार्ड नंबर तेरह की वार्ड पार्षद हुस्न आरा से कई बार इस समस्या के निजात को लेकर कहा गया है।कहते-कहते लोग थक गए,लेकिन उन्होंने इस समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम नहीं उठाया।
आक्रोशित वार्ड वासियों का कहना है कि स्थानीय समस्याओं का निदान होगा या नहीं होगा,यह तो वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी पर निर्भर करता है, लेकिन लोगों के लिए इस गंदे पानी होकर गुजरना मजबूरी बनी हुई है।डेंगू के खतरे से खौफजदा लोग रात की कौन कहे,दिन में भी मच्छरों से परेशान रहता हैं।बररहाल,देखना दिलचस्प होगा कि लोगों का गुस्सा परवान चढ़ने के बाद भी जल जमाव की समस्या से लोगों को निजात दिलाया जाता है अथवा भगवान भरोसे ही यहां के लोगों को यू ही छोड़ दिया जाता है!!