रेशु रंजन/खगड़िया
जिले के गोगरी नगर परिषद क्षेत्र में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण जगह-जगह स्थिति नारकीय बनी हुई है।विकास को मुंह चिढ़ाती तस्वीरें यह बताना के लिए काफी है कि सर्वागींण विकास के दावे में कितना दम है।कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने नगर परिषद क्षेत्र सहित आसपास के इलाके का नंगा सत्य सबके सामने ला दिया है।बात अलग है कि नगर परिषद सभापति रंजीता रंजन निषाद और कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार यह कहने में संकोच नहीं करते हैं कि, कार्य योजना तैयार हो चुकी है।जल्द ही स्थानीय लोगों को जल जमाव की समस्या से निजात मिल जाएगा।
अन्य जगहों की बातों को कुछ देर के लिए दरकिनार कर अगर रजिस्ट्री कार्यालय परिसर की बात करें तो जमीन निबंधन के एवज में प्रतिमाह सरकार को लाखों-करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाले कार्यालय का परिसर जलमग्न है।जमीन खरीद बिक्री करने वाले लोगों को गंदे पानी लांघकर रजिस्ट्री कार्यालय आना-जाना पड़ रहा है।सोशल मीडिया के जरिए यहां की नारकीय स्थिति की तस्वीर नगर सभापति और कार्यपालक पदाधिकारी तक पहुंच रही है, लेकिन साकारात्मक कदम उठाने के नाम पर दोनों के हाथ शायद बंधे हुए हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को गर्मी से राहत जरुर मिली है, लेकिन जल जमाव का नजारा देखकर लोगों को रोना आ रहा है।
वर्षा के पानी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।नगर परिषद क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के पंचायतों में भी जलजमाव की स्थिति ने पूरे इलाके की सूरत को बिगाड़ कर रख दिया है।रजिस्ट्री कार्यालय आने-जाने वाले लोगों सहित आसपास के लोग भी खासे परेशान हैं।निबंधन कार्यालय आने-जाने वाले लोगों को जूते- चप्पल हाथ में लेकर गुजरना पड़ रहा है।कार्यालय के चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा है।जलजमाव के कारण आम लोगों के साथ-साथ इस कार्यालय के कर्मियों को भी बीमारी का डर सता रहा है।नगर परिषद के वार्ड नंबर चौदह निवासी राकेश कुमार एवं राजेश कुमार के घरों में एक बार फिर पानी घुस गया है।वह लोग अपने-अपने छत या आसपास के घरों में किसी तरह रहने को मजबूर हैं।जलजमाव से लोगो को बीमारी सहित कीड़े मकोड़े आदि का डर सता रहा है।आक्रोशित लोग कहते हैं कि नगर परिषद इलाके के लोगों को जल जमाव से निजात दिलाने के लिए जल निकासी के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए।बावजूद इसके फलाफल शून्य है।इधर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला निबंधन पदाधिकारी ने कहा कि इस तरह की स्थिति का भुक्तभोगी मैं खुद हूं।एक सप्ताह के बाद भी निबंधन कार्यालय गोगरी परिसर से पानी नहीं निकाला गया है।इस मामले में वरीय अधिकारी से वह बात कर दस दिनों के अंदर रजिस्ट्री कार्यालय परिसर से पानी निकलवाने की कोशिश करेंगे। बहरहाल,जल जमाव से लोगों को मुक्ति मिलेगी या नहीं,यह लोग स्थानीय प्रशासन ही जाने।लेकिन यह कहने में कोई परहेज नहीं है कि जल जमाव के कारण गोगरी नप की सूरत विकृत नजर आ रही है।