इरशाद अली/खगड़िया ब्यूरो
जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत पौरा सहायक थाना क्षेत्र के फुलवरिया निवासी स्वर्गीय रोहित पासवान के पुत्र संतोष कुमार ने खगड़िया के पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर पौरा सहायक थाना में पदस्थापित दारोगा चितरंजन सिंह के विरुद्ध जातिसूचक गाली देने तथा मारपीट कर शराब पिलाने की शिकायत की है।पीड़ित युवक ने एसपी को दिए गए आवेदन में कहा है कि 23 अक्टूबर की रात करीब 01 बजे पौरा ओपी के दारोगा चितरंजन कुमार सिंह उसके घर पर पहुंचे और न केवल उसे जगाया,बल्कि पुलिस गाड़ी में बैठाकर थाना ले जाने लगे।जब उनसे कारण पूछा तो चितरंजन कुमार सिंह गालियां देने लगे और कहा कि घर फोन करके चुपचाप बीस हजार रुपए मंगवाओ,तब तुमको यहीं से छोड़ देंगे।यदि थाना पहुंच गया तो थानाध्यक्ष को भी उपर से देना पड़ेगा।इस पर पीड़ित ने दारोगा से बोला कि मेरा गुनाह क्या है!
इसी से गुस्साए दारोगा चितरंजन कुमार सिंह उसे बुरी पीटने लगे।जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया।उसके बाद उसका खगड़िया सदर अस्पताल में इलाज भी करवाया,जिसकी कॉपी आवेदन के साथ संलग्न है।पीड़ित युवक के मुताबिक मारपीट के दौरान वह गाड़ी में ही बेहोश हो गया तो सभी सिपाहियों ने पानी मारकर उसे होश में लाया।इस दौरान पौरा ओपी के दारोगा चितरंजन कुमार सिंह पर पीड़ित युवक ने जिंस की जेब में रखे 2300 रुपए भी जबरदस्ती छीनने का आरोप लगाया।युवक का कहना है कि दारोगा ने उसे जातिसूचक गाली देकर कहा यह ज्यादा होशियार बनता है।इसको थाना ले चलो।शराब पिलाकर इसे जेल भेजना है।उसके बाद उसे थाना ले जाया गया।लगभग आधा घंटा के बाद चितरंजन सिंह एक ग्लास में शराब लेकर आए और बोले कि जल्दी पीओ,यह दवाई है।लेकिन उनकी साजिश समझ गया और पीने से मना किया तो फिर मुझे पीटा और जबरदस्ती शराब पिलाकर कोर्ट भेज दिया।
रक्षक ही बन जाय भक्षक तो क्या करेंगे लोग:राजेश यादव
उक्त घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए युवा शक्ति के जिला महासचिव राजेश कुमार यादव ने कहा है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो न्याय के लिए लोग कहां जाएंगे।उन्होंने कहा कि पौरा ओपी के पुलिस पदाधिकारी अपने पद का लगातार गलत इस्तेमाल कर गरीब लोगों को किसी न किसी बहाने परेशान कर सिर्फ और सिर्फ रुपये उगाही करने का काम करते हैं।वाहन चेकिंग के नाम पर रोजाना स्थानीय ग्रामीणों सहित राहगीरों को नाकों दम कर रखा है।पौरा ओपी की पुलिस को अपराधियों को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है।उन्हें सिर्फ और सिर्फ अवैध तरीके से रुपया उगाही करने की जुगाड़ से ही मतलब रह गया है।पुलिस घर में सोये लोग को उठाकर ले जाए और रास्ते में रुपये की डिमांड करे,यह कितना कितना बड़ा अपराध है!कोई दारोगा रुपये नहीं देने पर लोग की बुरी तरह से पिटाई करेगा तो ऐसी स्थिति में लोग किस पर भरोसा करेंगे!न्याय दिलाने वाला ही जब अन्याय करना शुरू कर देगा तो लोग न्याय कहां मांगेंगे।पीड़ित युवक के साथ घटित घटना घोर निंदनीय है।खगड़िया के पुलिस अधीक्षक इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांचोपरांत दोषी दारोगा पर सख्त कार्रवाई करें, यही अमन पसंद लोगों की मांग है।