रेशु रंजन/खगड़िया
खगड़िया में आयोजित होने वाले गोपाष्टमी मेला की बंदोबस्ती का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।जन अधिकार पार्टी(लो.)के जिलाध्यक्ष कृष्णा नन्द यादव ने आज मंगलवार को मुख्यमंत्री और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव को आवेदन प्रेषित कर गोपाष्टमी मेला बंदोबस्ती में हुए व्यापक घोटाला की जांच की मांग की है।जिलाध्यक्ष ने प्रेषित किए गए आवेदन में कहा है कि अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया सह गौशाला कमिटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा गौशाला मेला में बंदोबस्ती के नाम पर घोटाला किया गया है।दुर्भाग्य की बात यह है कि जिला पदाधिकारी से शिकायत किए जाने के बाबजूद भी धांधली पर रोक नहीं लग पाती है।
उन्होंने कहा है कि पिछले वर्ष 2022 में खगड़िया के ऐतिहासिक 134वें गोपाष्टमी मेला की बंदोबस्ती खुली डाक के माध्यम से की गयी थी।जिसमें डाक के लिए तीन लोगों द्वारा बोली लगायी गयी थी।अधिकतम डाक बोलने पर 43लाख रुपये में चंद्रकांत इंटरप्राइजेज,नालंदा के प्रोपराइटर श्री चंद्रकांत के नाम बंदोबस्ती की गयी थी।लेकिन इस वर्ष 2023 में गोपाष्टमी मेला कमिटी के अध्यक्ष और सदस्यों की मिलीभगत से व्यापक पैमाने पर घोटाला किया गया है।गोपाष्टमी मेला बंदोबस्ती हेतु खुली डाक करने के बजाय बंद कमरे में अध्यक्ष और सदस्यों ने मोटी रकम लेकर मात्र 30 लाख रुपये में ही किसी व्यक्ति के नाम बंदोबस्ती कर दिया है।यह बिल्कुल ही व्यापक तौर पर किए गए घोटाला का मामला है।जबकि पिछले वर्ष बंदोबस्ती लेने वाले आयोजक श्री चंद्रकांत इस बार भी 43 लाख से भी अधिक रुपये में बंदोबस्ती लेने के लिए तैयार हैं।
उक्त आलोक में श्री चंद्रकांत ने खगड़िया के जिला अधिकारी और अनुमंडल अधिकारी खगड़िया को भी लिखित आवेदन दिया है।बावजूद इसके,कोई कार्रवाई नहीं होना आम जनमानस के लिए खतरे का विषय है।श्री यादव ने कहा है कि अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया की भूमिका काफी संदेहास्पद है।वह जिस भी संस्था में अध्यक्ष और सदस्य होते हैं,वहां भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहती है।वे अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर खगड़िया के भू-प्रबंधन कमिटी के बतौर अध्यक्ष हैं।उनकी अध्यक्षता में हुई भू-प्रबंधन कमिटि की बैठक में महाविद्यालय के 1034 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती खुली डाक के माध्यम से करने का निर्णय नहीं लिया गया था,लेकिन भू-माफियाओं से मिलीभगत कर भू-प्रबंधन कमिटि के अध्यक्ष और सदस्यों ने बंद कमरे में बिना खुली डाक किए काफी कम रुपये में महाविद्यालय के जमीन की बंदोबस्ती मनमाफिक लोगों के नाम कर दिया गया है।इतना ही नहीं, उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाबजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
उन्होंने कहा कि अधिकारी खगड़िया की संपत्ति को अपनी बपौती समझने की भूल न करें।गौशाला मेला और संस्कृत महाविद्यालय की जमीन बंदोबस्ती में हुए व्यापक घोटाले के खिलाफ जल्द ही चरणबद्ध आंदोलन का आगाज किया जाएगा।उन्होंने मुख्यमंत्री और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव से गोपाष्टमी मेला बंदोबस्ती में हुए घोटाले की जांच विशेष टीम से कराने की मांग के साथ-साथ गौशाला कमिटी को हुए नुकसान भी दोषियों से वसूलने की मांग की है,ताकि इस प्रकार के घोटाला की पुनरावृत्ति न हो।