गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया।बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने समाज हित में दूरदर्शी सोच के तहत शराबबंदी कानून लाया था, लेकिन यह कानून अधिकारियों के लिए अवैध कमाई का जरिया बनकर रह गया है।खुले बिहार की बात तो छोड़िए प्रतिबंधित इलाका कहे जाने वाले जेल में भी शराब का सेवन होता है।जेल में शराब के साथ-साथ स्मैक, प्रतिबंधित कफ सिरप,गांजा, सिगरेट सहित अन्य मादक पदार्थों का सेवन करने से कैदी नहीं चूक रहे हैं।अगर जेल ही नशा मुक्त हो जाय,तो सरकार के लिए बहुत उपलब्धि होगी।हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इमानदारी पूर्वक शराबबंदी कानून को सफल बनाने में लगे हुए हैं।उक्त बातें खगड़िया के पूर्व बाहुबली विधायक रणवीर यादव ने एसडीएफ लाइव इंडिया से खास बातचीत करते हुए कही।उन्होंने कहा कि बिल्कुल यह सही है कि बिहार में अपराध बढ़ा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले और दूसरे कार्यकाल तक अपराध और अपराधियों पर अंकुश लग गया था।अपराधी दुबक गए थे।कई अपराधी एनकाउंटर में मारे गए,लेकिन उसके बाद के कार्यकाल में अपराधी बेलगाम हो गए हैं।अधिकारी-पदाधिकारी अपना पेट और दौलत बढ़ाने में लग गए हैं।बहुत सारे पदाधिकारी इमानदारी पूर्वक अपना काम नहीं कर रहे हैं।इसलिए अपराधी नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।सीएम को इसे गंभीरता पूर्वक देखना होगा।बीते 4जून को ध्वस्त हुए अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के संदर्भ में पूर्व विधायक श्री यादव ने कहा कि गुणवत्ता की कमी के कारण पुल ढ़हा है।छोटे स्तर के पदाधिकारी पर कार्रवाई कर बड़ी मछलियों को छोड़ दिया गया है।इस घटना में एसपी सिंगला कंपनी और संबंधित अधिकारी दोषी हैं।एसपी सिंगला कंपनी को बिहार में इतना काम कैसे मिल गया!उसके द्वारा किए गए सभी कार्यों की जांच होनी चाहिए।पूरे मामले को लेकर वह जल्द ही हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करने जा रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में विधायक ने कहा कि पत्रकार पर हमला होने का कारण यह है कि कुछ पत्रकार इमानदारी पूर्वक अपना काम नहीं कर रहे हैं।हालांकि पत्रकारों पर हमला होना चिंता का विषय है।उन्होंने कहा कि सांसद-विधायक द्वारा हर योजना में कमीशन के तौर पर बीस प्रतिशत लिए जा रहे हैं।जिसके कारण खगड़िया का सर्वागींण विकास नहीं हो रहा है।जीएसटी के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है।वह कम से कम सांसद योजना की जांच सीबीआई से कराने की मांग मुख्यमंत्री से किए हैं।उन्होंने कहा कि वह बाहुबली भी हैं और जनबली भी।लेकिन वह जनता के लिए जीते और मरते हैं।इसलिए उन्हें जनबली ही कहा जाना चाहिए।जब उनसे यह पूछा गया कि,वह अपना राजनीतिक गुरु किन्हें मानते हैं,तो उन्होंने कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।उसके बाद उन्होंने राममनोहर लोहिया आदि से बहुत कुछ सीखकर अपने आपको इस अंदाज में तैयार किया है।अपने दिवंगत चाचा स्वर्गीय रामशरण यादव से उन्होंने सम्मान के साथ जनता का काम करना सीखा है।उनका मूल मंत्र भी यही है ‘सम्मान के साथ काम’।पहले जनता का सम्मान,फिर उनका काम।
एक अन्य सवाल के जवाब में पूर्व विधायक रणवीर यादव ने कहा कि,इस पिछड़े इलाके में आने वाले अधिकारी यहां से जाना ही नहीं चाहते हैं।कनीय पदाधिकारी के रुप में किसी पदाधिकारी की यहां पदस्थापना होती है,तो फिर वह वरीय अधिकारी बनकर यहीं आ जाते हैं।जो पहले यहां थाना प्रभारी थे,वह डीएसपी बनकर यहीं आ गए।जो बीडीओ थे,वह एसडीओ बनकर आ जाते हैं और जो एसडीओ होते हैं,वह फिर उससे बड़े पद पर आ जाते हैं
खगड़िया में भ्रष्टाचार चरम पर है।बिना घूस के किसी का काम ही नहीं होता है।अधिकारी और जनप्रतिनिधि पेट और दौलत बढ़ाने के चक्कर में लगे हैं।जनता से इन लोगों का कोई सरोकार नहीं है।इस पिछड़े और अति पिछड़ों के इलाकों में जातीय समीकरण के आधार पर अधिकारियों की पदस्थापना होनी चाहिए।इसके लिए भी उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।जब उनसे यह पूछा गया कि लोकसभा चुनाव की कैसी तैयारी है,तो उन्होंने कहा कि फिलहाल जदयू और राजद से उनका ताल्लुक है।लेकिन बीते 2019में राजद ने अपने सहयोगी दल को यह सीट देकर भारी भूल कर दी।अगर उनकी पत्नी श्रीमती कृष्णा कुमारी यादव को राजद से टिकट मिला होता तो वर्तमान समय में खगड़िया लोकसभा सीट राजद के खाते में होती।जिस उम्मीदवार को खगड़िया से लोस का टिकट मिला,वह लगभग सवा तीन लाख वोट से हारे,जबकि 2014के लोस चुनाव में उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी यादव मोदी लहर के बाद भी महज 67हजार मतों से हारी थी।उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी पत्नी को जिस दल से सम्मान के साथ टिकट मिलेगा,उस दल के सहयोग से जीत का डंका बजाएंगे।यह सबको पता है कि मेरा गुमनाम वोट है और जनता के उस वोट और पार्टी के सहयोग से उन्हें जीत अवश्य मिलेगी।वर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर तो लोगों को पहचानते ही नहीं हैं।खगड़िया लोस में छह विधानसभा क्षेत्र है।अगर वह प्रति विधानसभा दस-दस लोगों को नाम बता दें तो यही काफी होगा।उस बार वह कहीं नहीं दिखेंगे।कुल मिलाकर कह सकते हैं कि,इस बार कृष्णा कुमारी यादव लोकसभा का चुनाव लडेंगी और भारी मतों से जीत हासिल करेंगी।