खगड़िया:सदर एसडीओ ने खुलेआम डंके की चोट पर संस्कृत काॅलेज की जमीन और गौशाला मेला की बंदोबस्ती में व्यापक पैमाने पर घोटाले को अंजाम दिया।इससे सुशासन की सरकार कही जाने वाली नीतीश सरकार कलंकित हुई है।एसडीओ द्वारा किये गए उक्त घोटाले के खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव से शिकायत की गयी।जिसके बाद सरकार के अवर सचिव शिव महादेव प्रसाद द्वारा बीते 05 मार्च को ही जिलाधिकारी को पत्र भेजकर सदर एसडीओ अमित अनुराग के विरुद्ध लगाए गए गौशाला मेला और अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय के जमीन बंदोबस्ती में व्यापक घोटाला के आरोपों की जांच कर विभाग को शीघ्र प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया था।लेकिन लगभग छह महीने बीतने के बाद भी उक्त मामले में जिलाधिकारी द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग, पटना को जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा गया।इससे यह स्पष्ट हो गया कि जिलाधिकारी शुरु से ही एसडीओ के भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं।उक्त बातें समाजसेवी अभय कुमार गुड्डू ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
युवा शक्ति के प्रदेश उपाध्यक्ष आशुतोष कुमार यादव,कार्यकारी जिलाध्यक्ष मिथुन कुमार शर्मा, मानसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र पोद्दार तथा युवा शक्ति के ही नेता मनीष सम्राट की उपस्थित में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाजसेवी श्री गुड्डू ने अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर और गौशाला मेला की बंदोबस्ती में हुए व्यापक घोटाले के मामले में जिलाधिकारी पर ना केवल जांच को लंबित रखने का आरोप लगाया,बल्कि यह भी कहा कि एसडीओ के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालकर उन्हें कार्रवाई से बचाने की कोशिश डीएम कर रहे हैं।
श्री गुड्डू ने दर्जनों पत्रकारों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी को आवेदन देने के बाद भी जिस तरह कार्रवाई के नाम पर अवरोध पैदा किया जा रहा है,उससे यह प्रमाणित हो रहा है कि खगड़िया जैसे पिछड़े इलाके में भ्रष्टाचार को जमकर बढ़ावा दिया जा रहा है।जिस वजह से सदर एसडीओ एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार को खुलेआम अंजाम देते रहते हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश पर भी डीएम ने नहीं भेजा जांच रिपोर्ट
अभय कुमार गुड्डू ने कहा कि गौशाला मेला के बंदोबस्ती में सदर एसडीओ द्वारा की गयी धांधली की जांच जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता से करवाया।नवंबर 2023 में ही अपर समाहर्ता ने जांच रिपोर्ट में पिछले वर्ष से 13 लाख रुपए कम में गौशाला मेला की बंदोबस्ती करने की बात को सामने लाया।इस रिपोर्ट के आलोक में भी जिलाधिकारी द्वारा एसडीओ के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं किया जाना भ्रष्ट अधिकारी को मदद पहुंचाने जैसा प्रतीत होता है।उन्होंने कहा कि जब सामान्य प्रशासन विभाग,पटना के निर्देश का पालन नहीं किया जाता है तो आम आदमी की गुहार पर जिलाधिकारी कैसे न्याय करेंगे!
श्री गुड्डू ने कहा कि संस्कृत महाविद्यालय की जमीन में जबरन मिट्टी काटने के मामले में भी 16 जुलाई को जिलाधिकारी द्वारा मानसी थानाध्यक्ष का वेतन अवरुद्ध करने का आदेश जारी किया गया था।परंतु आज तक थानाध्यक्ष के वेतन को बंद करने हेतु प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी।यह भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण देना नहीं है तो और क्या है !
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के इस कारनामे की शिकायत बिहार सरकार के मुख्य सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव से भी की जा चुकी है।भ्रष्ट अधिकारी को किसी भी हालत में खुली छूट नहीं मिल सकती है।उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा ऐसे-ऐसे कई अन्य मामले को भी लंबित रखकर भ्रष्ट अधिकारी को बचाया जा रहा है।जिसे समय पर उजागर किया जाएगा।उन्होंने यह भी बताया कि जिलाधिकारी कुछ लोगों को यह कहकर दिग्भ्रमित करते हैं कि यह मामला मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर का है।ऐसे में सुलगता सवाल यह है कि इस मामले में जिलाधिकारी अगर कुछ भी नहीं करेंगे तो फिर छह महीने से मामले को लंबित क्यों रखे हुए हैं!बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कि आगे-आगे होता है क्या?
रिपोर्ट:आनंद राज