खगड़िया:नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने17 महीने के शासन काल में नीतीश कुमार पर दवाब बना कर ना केवल बिहार में जातिगत जनगणना करवाया, बल्कि अनुसूचित जाति जनजाति,पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 65% आरक्षण देने का काम भी करवाया।उक्त बातें राजद के जिला प्रवक्ता चन्द्रशेखर कुमार ने सोमवार को कृष्णापुरी बलुआही स्थित राष्ट्रीय जनता दल के खगड़िया जिला कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
राजद द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चन्द्रशेखर ने कहा कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है।नीतीश कुमार जब राजद के साथ थे तो आरक्षण के पक्षधर थे।लेकिन आज बीजेपी की गोद में बैठ कर सत्ता का सुख लेने में व्यस्त हैं।पूरे देश में जातिगत जनगणना करवाने और 65% आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने के सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल खगड़िया सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगा।ताकि,जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।उन लोगों की मांग है कि शोषित-वंचित का बेटा भी उसी स्कूल में पढ़े,जिस स्कूल में सांसद,विधायक और डीएम का बच्चा पढ़ता हो।तभी सामाजिक न्याय संभव हो सकेगा।
राजद के जिला सोशल मीडिया प्रभारी रणवीर कुमार ने कहा कि राजद द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार आरक्षण संशोधन कानून को रद्द करने के पटना हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाना राजद की पहली जीत है।
तेजस्वी यादव ने ही आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को उठाया।अब जब आरक्षण पर आंच आयी तो तेजस्वी यादव ही आरक्षण बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और जीत भी रहे हैं।बाक़ी बीच में बहुत लोग आए और गए।हज़ार तरह से आरक्षण बढ़ाने और जाति आधारित गणना का क्रेडिट भी लेने की होड़ में रहे।आरक्षण के नाम पर चुनाव भर खूब फुदकते भी रहे।
लेकिन शुरू से अंत तक एकदम स्पष्ट और मज़बूती से जाति आधारित गणना कराने से लेकर आरक्षण बढ़ाने और उसको बचाने तक तेजस्वी यादव तनकर खड़े हैं।उन्होंने कहा कि दलित-पिछड़ा-आदिवासी समाज बरसाती मेंढक और एक मज़बूत नेता में फ़र्क़ जानता है।तेजस्वी यादव की लड़ाई और बलिदानों को दलित-पिछड़ा-आदिवासी समाज देख रहा है।बरसाती मेंढकों को अब नाला ढूंढ़ लेना चाहिए,क्योंकि दलित-पिछड़ा- आदिवासी समाज एक बार तेजस्वी युग का स्वागत करने के लिए तैयार खड़ा है।
रिपोर्ट: आनंद राज