राजेश सिन्हा की रिपोर्ट
गंगा और बूढ़ी गंडक का कहर झेल रहे कम से कम खगड़िया के पीड़ित परिवारों की व्यथा-कथा सुनकर भले ही पत्थर दिल वाले इंसानों का कलेजा पसीज जाता हो,लेकिन कुछ बेलज्ज जनप्रतिनिधियों को लाज तक नहीं लगता।हालांकि कुछ ऐसे भी हैं शख्स हैं,जो किसी पद पर नहीं रहने के बाद भी मानवीय संवेदना जिंदा रहने का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं।किस-किस प्रभावी नेताओं ने इस विपदा के समय प्रभावित परिवारों का कितना साथ दिया और सेवाभाव में लगे हुए हैं,अगर इस पर बहस नहीं भी करें तो यह कहा जा सकता है कि राजद के जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव और जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद शहाब उद्दीन ने अपने फंड से बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाकर लगभग तमाम जनप्रतिनिधियों के गाल पर ऐसा तमाचा जड़ा है, जिसके झन्नाटे की आवाज दूर तक सुनाई दे रही है।खगड़िया के लापता बताए जा रहे सांसद राजेश वर्मा मंगलवार को खगड़िया मुख्यालय पहुंचे जरुर, लेकिन कुछ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के सिवाय कुछ कर नहीं पाए।
परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में जाकर उन्होंने कम्यूनिटी किचन का जायजा लिया और संबंधित लोगों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया।लेकिन उन्होंने जिला मुख्यालय के बापू नगर मध्य विद्यालय स्थित बाढ़ राहत शिविर में जाने की हिम्मत जुटाना मुनासिब नहीं समझा।
हालांकि बताया जा रहा है कि सांसद प्रतिनिधि मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह ने सांसद को बापू मध्य विद्यालय जाने से अगर रोका तो शायद इसका बहुत बड़ा कारण यह रहा कि विपदा के समय वह लापता थे और आए भी तो खाली हाथ।
इस मसले पर सांसद प्रतिनिधि मनीष कुमार भले ही कुछ भी कहने से बच रहे हों,लेकिन कहा जा रहा है कि सामुदायिक किचन में खाना खाने को मजबूर बाढ़ पीड़ित तहेदिल से सांसद का कितना स्वागत करते,यह कहना सबके लिए मुश्किल इसीलिए भी है,क्योंकि एलजेपी से ही सांसद रहे चौधरी महबूब अली कैसर का भी लोग तहेदिल से शुक्रिया अदा करना अभी भी नहीं भूलते हैं |
वैसे सांसद राजेश वर्मा द्वारा खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने से पहले परबत्ता विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना क्यों मुनासिब समझा गया,इस पर भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।बाढ़ के नाम पर हो रही राजनीति पर फिलहाल चर्चा नहीं भी करें तो यह जानकर ही लोगों को अंदाजा हो जाएगा कि परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव का जायजा लेना सोमवार की देर रात अर्थात दो बजे रात से ही शुरु कर दिया था।लापता बताए जा रहे सांसद राजेश वर्मा गोगरी और परबत्ता के बाढ़ प्रभावित इलाके में पांव रखते,इससे पहले ही विधायक का काफिला बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंच चुका था।कहा तो यह भी जा रहा है कि रात के 2 बजे से ही विधायक बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचने लगे।
जागृति टोला,डूमरिया खूर्द, माधवपुर,विष्णुपुर,मुरादपुर, दरियापुर भेलवा महादलित टोला,तेमथा करारी मुस्लिम टोला,तेमथा करारी शर्मा टोला, खनुवा राका,लगार बिशौनी, सलारपुर तथा भरतखंड के बाढ़ पीड़ित परिवारों से मिलकर विधायक ने समस्याओं के त्वरित निदान का आश्वासन दिया।
विधायक ने लोगों के बीच जाकर उनका दुख-दर्द देखा और सुना।सामुदायिक किचन में राशन, नाव की उपलब्धता,शौचालय, पीने का पानी,चापाकल,पन्नी, मवेशी का चारा सहित हर एक सुविधाओं के लिए संबंधित अधिकारियों का निर्देशित किया।
इस आपदा के समय अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए विधायक डॉ संजीव कुमार ने नाव के माध्यम से परबत्ता क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक तौर पर निरीक्षण किया और राहत सामग्री का वितरण सुनिश्चित कराया।विधायक ने अधिकारियों को साफ़ निर्देश दिया है कि वे सभी प्रभावितों के लिए राहत शिविरों में सामुदायिक किचन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं।इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।क्षेत्रवासियों से कहा कि सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि मुख्यमंत्री और हमारे नेता नीतीश कुमार हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।सभी प्रभावित परिवारों को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा।
विधायक ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में धैर्य रखें।उनके निर्देश पर तत्काल मेडिकल शिविर लगाकर लोगों को जरूरी दवाइयां उपलब्ध करायी गयी।विधायक और साथ चल रहे राहत कार्य टीम ने ग्रामीण जनता से बातचीत कर बाढ़ मे राहत कार्यों का जायजा लिया।विधायक ने कहा कि मेरे द्वारा टीम बनाकर बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का दौरा लगातार कराया जा रहा है।जगह- जगह मेरी टीम के लोग भी पीड़ितों की सेवा में लगे हुए हैं।लोगों की किसी भी प्रकार की परेशानी का तुरंत समाधान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कल मैंने माधवपुर,दरियापुर भेलवा सालारपुर,लगार,कोरचक्का, बुद्धनगर में विस्थापित पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया था।जिलाधिकारी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए चालू करवाया।इस विकट परिस्थिति में किसी को परेशानी न हो,इसके लिए नाव,प्लास्टिक,दवाई,पशुचारा, राशन आदि की व्यवस्था की गयी है।
विधायक ने परबत्ता के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी,थानाध्यक्ष,जदयूराज्य परिषद के सदस्य मिथलेश कुमार,क़बेला के मुखिया ललन शर्मा,खिराडिह के मुखिया राहुल कुमार,मीडिया प्रभारी साकेत कुमार,तेमथा करारी के मुखिया राजीव चौधरी,जदयू प्रखंड अध्यक्ष सुबोध साह,जदयू के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष ध्रुव शर्मा,जदयू के वरिष्ठ नेता मणी भूषण राय,लाल रतन आदि की मौजूदगी में जिला अधिकारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी,गोगरी से बात कर बाढ़ पीड़ितों की शिकायतों से अवगत कराया और जल्द निदान करने को कहा।
बहरहाल,विधायक और सांसद के अलग-अलग दिशा-निर्देश का कितना पालन हो सकेगा,यह तो देखने वाली बात होगी।लेकिन इतना तय है कि बाढ़ की इस विपदा के समय सबकी निगाहें आलोक रंजन घोष को ढ़ूंढ़ रही है।अधिसंख्य लोगों का कहना है कि डीएम की कुर्सी पर वर्तमान समय में अगर आलोक रंजन घोष विराजमान होते तो वह ना केवल बाढ़ पीड़ितों की शिकायतों पर संज्ञान लेते,बल्कि समस्याओं का त्वरित निष्पादन कर पीड़ितों के जख्म पर एक तरह से मरहम लगाने का भी काम करते।ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आगे-आगे होता है क्या!!