आनंद राज की रिपोर्ट
खगड़िया:अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर की जमीन बंदोबस्ती मामले में राज्यपाल ने संज्ञान ले लिया है।पत्रांक- 1570/ दिनांक-20.09.2024 के माध्यम से अपर सचिव महावीर प्रसाद ने राज्यपाल सचिवालय के नाम पत्र जारी कर खगड़िया के जिला पदाधिकारी को भेजा है।
उन्होंने जिला पदाधिकारी को पत्र भेजकर अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के 1034 एकड़ जमीन बंदोबस्ती में हुए व्यापक घोटाले मामले में जांच प्रतिवेदन की मांग की है।अपर सचिव ने जिला पदाधिकारी खगड़िया को शीघ्र जांच प्रतिवेदन भेजने का जिक्र करते हुए कहा है कि जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञातव्य हो कि जिले के समाजसेवी अभय कुमार गुड्डू द्वारा 30 अगस्त को राज्यपाल से मिलकर अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के1034 एकड़ जमीन बंदोबस्ती में व्यापक पैमाने पर घोटाला कर सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व नुकसान पहुंचाने की शिकायत की गयी थी।जिसके आलोक में महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा संज्ञान लेते हुए अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु जिला पदाधिकारी से जांच प्रतिवेदन की मांग की गयी है।श्री गुड्डू द्वारा राज्यपाल को दिए गए आवेदन वर्णित है कि अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर के भू-प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष सह अनुमंडल पदाधिकारी,खगड़िया की अध्यक्षता में मार्च और मई 2023 में आयोजित भू-प्रबंधन कमिटी की बैठक में महाविद्यालय की सभी जमीन की पैमाइश कर खुली डाक के माध्यम से बंदोबस्ती किए जाने की बात कही गयी थी।लोगों को लगा भी था कि इससे महाविद्यालय को अधिकाधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।
लेकिन खुली डाक से जमीन की बंदोबस्ती करने का ढ़ोल पीटने वाले भू-प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष सह एसडीओ मुकर गए और भू-माफियाओं से लाखों लाख रुपए अवैध उगाही कर खुली डाक से महज पांच हजार रुपए प्रति बीघा के दर से मनमाफिक लोगों के नाम जमीन बंदोबस्ती कर दिया गया।
अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया की गलत नियत के वजह से महाविद्यालय को करोड़ों रुपये मिलने वाला राजस्व भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया।इस बात की सूचना जिला पदाधिकारी खगड़िया और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति को कई बार दी गयी, लेकिन किसी प्रकार का कोई साकारात्मक पहल नहीं किया जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
बहरहाल,श्री गुड्डू ने आवेदन में इस बात का भी जिक्र किया है कि वर्ष 2023 के जुलाई में भी राज्यपाल सचिवालय से कुलपति को पत्र भेजकर उक्त महाविद्यालय के संपूर्ण जमीन की पैमाइश कर खुली डाक के माध्यम से बंदोबस्ती करने के लिए निर्देशित किया गया था।लेकिन कुलपति को बार-बार उक्त महाविद्यालय की बेशकीमती हजारों एकड़ जमीन को संरक्षित करने की गुहार लगाने के बाद भी किसी प्रकार का साकारात्मक पहल नहीं करना इस भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता को साफ-साफ दर्शाता है।
राज्यपाल से कुलपति की शिकायत करते हुए अभय कुमार गुड्डू ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा भी उक्त मामले में कुलपति को शीघ्र निष्पादन के लिए निर्देशित किया गया है।उक्त आलोक में भी कुलपति के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करके उच्च न्यायालय पटना के आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
इधर,समाजसेवी अभय कुमार गुड्डू ने प्रेस को बताया कि बीते एक वर्ष से लगातार महाविद्यालय के जमीन की बंदोबस्ती खुली डाक से कराने की मांग की जा रही है।परंतु न तो भू-प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष एवं सदस्य और न ही विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया जाना कर्तव्यहीनता का परिचायक है।