प्रवीण कुमार प्रियांशु की रिपोर्ट
खगड़िया:जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत शुम्भा से बगुलिया तक बारिश के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।बारिश के कारण सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है।कई सड़कों पर पानी भी भर गया है।ऐसे में वाहन चालकों को गड्ढे का अंदाजा नहीं हो रहा है और वे हादसे का शिकार हो रहे हैं।बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है।यहां की सड़कें आमजनों को इतना दु:ख दे रही हैं कि ‘दर्द’दूर तक सुनाई दे रही है।
प्रखंड मुख्यालय जाने की बात करें तो यहां सड़कों की हालत ऐसी है कि बड़े बड़े वाहन भी हांफ जाते है।दोपहिया वाहनों और राहगीरों के लिए तो सड़कों पर चलना भी दुर्भर हो गया है।ऐसा नही है कि जिम्मेदार विभाग,प्रशासन या जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी नहीं है।क्योंकि अलौली विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक रामवृक्ष सदा के घर से 2 किलोमीटर दूरी से लेकर 7 किलोमीटर शुम्भा पंचायत तक सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।
इतना ही नहीं, विभाग की ओर से सड़क मरम्मत भी 5 वर्षों में नहीं किया गया है।जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण सड़कों पर चलने वाले वाहन चालक जान हथेली पर लेकर चल रहे हैं।पथ निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क पर गड्ढों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।नतीजतन वाहनों को भी भारी नुकसान हो रहा है।बगुलिया,लड़ही,केहूना, नागरटोली,शुम्भा पंचायत से अलौली प्रखंड मुख्यालय जाने वाली सड़कों का नामोनिशान नहीं है।
वाहन चालक अमित कुमार शर्मा के मुताबिक दिन के समय भी सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है।3-4 फुट गहरे गड्ढे कभी भी किसी की जान ले सकते हैं।विभाग को मरम्मत करवाकर आमजनों को राहत देनी चाहिए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज बारिश में सड़कों का टूटना लाजमी है,लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।5 वर्ष बीत जाने के बावजूद गड्ढों में मिट्टी-कंक्रीट डालकर राहत दी जा सकती थी,लेकिन अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।यहां का विभाग न तो दर्द समझ रहा है और न ही जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दे रहे हैं।ऐसे में ग्रामीणों व वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।जबकि जिला परिषद क्षेत्र संख्या-3 की जिप सदस्या प्रियंका कुमारी द्वारा बार-बार विभाग तथा स्थानीय विधायक रामवृक्ष सदा,पूर्व सांसद महबूब अली कैसर,वर्तमान सांसद राजेश वर्मा,एमएलसी राजीव कुमार सहित विभाग व ठीकेदार का ध्यान मौखिक रूप से कई बार आकृष्ट कराया।बावजूद किसी भी जनप्रतिनिधि के कान पर जूं नहीं रेंगा और ना ही भयावह इन सड़कों का अबतक कोई स्थाई निदान किया गया।ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है और कभी भी उनका गुस्सा चरम पर पहुंच जाय तो शायद किसी के लिए आश्चर्य का विषय नहीं होना चाहिए।ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आगे-आगे होता है क्या!!