रेशु रंजन की रिपोर्ट
खगड़िया:रोज-रोज अपनी जान को खतरे में डालने वालों को भी उनका हक नहीं मिले और उन्हें विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़े,तो शायद आम लोगों का कलेजा मुंह को आ जाता है।
लेकिन,हाकीमों का कलेजा क्यों नहीं पसीजता है,यह जानने को हर कोई बेताब है।इसी बेताबी का नतीजा है कि,बिहार स्टेट प्रोग्रेसिव इलेक्ट्रिक वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर अन्य। जगहों की तरह खगड़िया जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत विद्युत उपकेंद्र झंझड़ा में भी बिजली कंपनी के मानव बल ने आज सोमवार को अपनी प्रमुख मांगों को लेकर ना केवल काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी कहा कि,एजेंसी मुक्त हो बिहार,इसके लिए उन लोगों का प्रदर्शन पांच दिनों तक जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों के वाजिब हक की बात को माना जाएगा भी नहीं,यह तो आने वाला समय ही बताएगा,लेकिन जानकारों का कहना है कि,रोज खतरों से खेलने वालों को अगर वाजिब हक नहीं मिला,तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
प्रदर्शन कारियों में शामिल मुकेश कुमार,पंकज कुमार,कन्हैया कुमार,श्यामलाल कुमार मिश्रा, मनीष कुमार,चंदन कुमार,अमित कुमार,जितेंद्र कुमार,सचिन कुमार,संतोष कुमार,महेश यादव,अशोक कुमार,विपिन कुमार,अमित कुमार,कुंदन कुमार,अभिषेक कुमार,धीरेंद्र कुमार आदि ने अपनी प्रमुख मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि,मानवबल को सरकारी कर्मी का दर्जा देने,सेवा काल के दौरान मृत्यु होने पर आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी व मुआवजा देने,25 से 30 हजार रुपए प्रति माह वेतनमान निर्धारित करने,सेवानिवृत्ति का लाभ दिए जाने व पेंशन लागू करने की मांग को लेकर वह लोग आंदोलित हैं।
मानवबल का कहना था कि बिजली कंपनी में कार्यरत सभी मानवबल जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन सेवा दे रहे हैं।सभी मानवबल की कड़ी मेहनत से ही पूरे बिहार में बिजली व्यवस्था नम्बर वन पर है।सभी मानवबल करीब दस वर्षों से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं।
इस दौरान कई मानवबल अपनी जान गवां चुके हैं तो कितने विकलांगता की जिंदगी जीने को विवश हैं।स्थिति यह है कि उनकी जिंदगी,उनको ही बोझ लगने लगी है।कम वेतन के कारण उन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।कंपनी का आउटसोर्स कर्मचारी का वेतन बढ़ रहा है, लेकिन उनका वेतन नहीं बढ़ाया जाता है।मानवबल का कहना था कि उनलोगों का एक वर्ष में दो बार या पांच से छह रुपये बढ़ता है।वह भी श्रम विभाग द्वारा बढ़ाया जाता है।बिजली कंपनी मानव बल से एलटी लाईन से लेकर 33 केबी लाईन तक और 11 केबी लाईन मानव बल से ही ठीक कराया जाता है और काम लिया जाता है।
इसी काम के लिए सरकारी कर्मी को 80 हजार से 95 हजार रूपये दिया जाता है।जबकि किसी कार्य के लिए मानव बल विद्युत कर्मी को 88 सौ रुपये दिए जाता है।उन लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि उन लोगों से 30-31 दिन काम तो लिया जाता है,लेकिन 26 दिन का ही वेतन थमा दिया जाता है।
एसडीएफ न्यूज ब्यूरो