रेशु रंजन की रिपोर्ट
पटना/खगड़िया:बहुचर्चित परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के क्षतिग्रस्त हुए भाग के पुनर्निर्माण कराने के संबंध में सौंपा।
दिए गए पत्र में विधायक डॉ संजीव कुमार ने लिखा है कि पिलर संख्या-5 के दोनों तरफ 27-27 Segment दिनांक-30.04.2022 एवं पिलर संख्या 9 से पिलर संख्या-13 के बीच का भाग दिनांक-04.06.2023 को क्षतिग्रस्त होने के उपरांत माननीय उच्च न्यायालय,बिहार, पटना में जनहित याचिका दायर की गई थी।
इस पुल का हिस्सा एक बार नहीं,अपितु तीन-तीन बार गिरा है।लेकिन,पुल के टूटे हुए भाग (अवशेष)को अब तक नहीं हटाया गया है।जिससे गंगा में डॉल्फिन संरक्षण में हानि हो रही है।
दिए गए पत्र में यह भी वर्णित है कि,आपकी महत्वाकांक्षी योजनाओं में से यह एक है।बावजूद इसके दस वर्षो से निर्माणाधीन है।दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय,बिहार, पटना के समक्ष संवेदक द्वारा स्वयं के खर्चे पर क्षतिग्रस्त हिस्से को पुनः निर्माण करने हेतु शपथ पत्र दिया गया था।
समर्पित प्रस्ताव पर प्राधिकरण अभियंता(Authority Engineer),आई०आई०टी०, रूडकी एवं पुल निर्माण निगम के पदाधिकारियों द्वारा समीक्षा की गई।समीक्षोपरात,सभी भापदंडों को पूर्ण करने एवं अल्पावधि में निर्माण कार्य पूर्ण कराने हेतु समर्पित प्रस्तावों में से कंक्रीट डेक केवल स्टे के साथ कम्पोजिट स्टील बीम स्ट्रक्चर का चयन किया गया,जिसे अनुशंसित करते हुए सवेदक को सूचना दे दी गई।
विदित हो कि,एकरारनामा से भिन्न होने के कारण,COS के तहत कार्य कराया जायेगा एवं संवेदक को कोई अतिरिक्त राशि का भुगतान देय नहीं होगा।
उपरोक्त प्रस्ताव को इस कार्यालय के पत्राक-166, दिनांक-19.01.2024 द्वारा पथ निर्माण विभाग,बिहार पटना को समर्पित किया गया है।जिस पर सहमति अप्राप्त है।
विदित हो कि,वर्तमान समय में मानसून समाप्त होने की स्थिति में है।मानसून समाप्त होने पर जल्द ही कार्य प्रारम्भ कराए जाने का समय और बढ़ जायेगा।जबकि जनहित एवं माननीय उच्च न्यायालय,बिहार,पटना द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में कार्य को पूर्ण कराया जाना है।इसलिए समर्पित प्रस्ताव पर अनुमोदन अपेक्षित है।अतः उक्त पत्र के आलोक में अनुरोध है कि चयनित/अनुशंसित सुपरस्ट्रक्चर निर्माण कार्य की अनुमति सक्षम प्राधिकार से प्राप्त से कराया जाय।