रेशु रंजन की रिपोर्ट
खगड़िया:महागठबंधन की सरकार में नेता प्रतिपक्ष पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा 65 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।लेकिन, दलितों,आदिवासियों,पिछ्डों तथा अतिपिछड़ों को दिए गए आरक्षण को भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर नीतीश सरकार साजिश के तहत लागू करने में आनाकानी कर रही है।जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने महागठबंधन की सरकार में 500 करोड़ रुपये ख़र्च कर जाति जनगणना कराया था और उसी आधार पर आरक्षण की सीमा 65 प्रतिशत की गयी थी।लेकिन,भाजपा के लोगों द्वारा अड़ंगा डालकर उसे रोककर रखा गया है।उक्त बातें पूर्व एमएलसी प्रत्याशी सह राजद के खगड़िया जिला अध्यक्ष मनोहर कुमार यादव ने आज 28नवम्बर अर्थात गुरुवार को जिला मुख्यालय में राजद द्वारा आयोजित धरना कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कही।
उन्होंने कहा कि,हम बिहार के दलितों,आदिवासियों,पिछड़ा तथा अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को इस धरना के माध्यम से बता रहे हैं।सरकार की आरक्षण विरोधी नीतियों को बिहार वासियों के सामने उजागर करने के लिए यह एकदिवसीय धरना रखा गया है।
65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ रही है।आज हमलोग यहां धरना दे रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और डबल इंजन की सरकार की बोलती बंद कर दी।
धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मनोहर यादव ने कहा कि,देश में पहली बार तेजस्वी प्रसाद यादव की पहल पर बिहार में जातिगत सर्वेक्षण का कार्य त्वरित गति से करवाया गया।इसके ठीक बाद सर्वेक्षण में जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को देखते हुए आरक्षण की सीमा बढाकर 65% किया गया।उच्च न्यायालय में जब बीजेपी के लोगों के द्वारा पीटीशन दायर कर इस पर रोक लगायी तो राष्ट्रीय जनता दल ने इसकी पुनः समीक्षा के लिया माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पीटीशन दाखिल किया।
राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव ने कहा कि,दलित,बहुजन और आदिवासी सामुदायों की हकूक की रक्षा के लिए राजद का नेतृत्व और एक-एक कार्यकर्ता अपनी जान की बाजी लगा देगा।
देश की मौजूदा केंद्र सरकार अपनी संविधान विरोधी सोच और मानसिकता पर धूर्तता से काम कर रही है।आरक्षण व्यवस्था एवं आरक्षित कोटे को समाप्त किया जा रहा है।जैसे नौकरियों में दलित-बहुजन समाज के हिस्से को या तो कम कर देना या फिर न्यूनतम स्तर तक ले जाना।विश्वविद्यालयों और पब्लिक सेक्टर में इस प्रतिगामी सोच को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधार पर वैचारिक आधार दिया जा रहा है।बाजारीकरण और व्यवसायीकरण के माध्यम से हाशिये के समुदायों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से इन संस्थाओं तक पहुंचने से वंचित किया जा रहा है।
वंचित-बहुजन समाज को गोलबंद करते हुए राष्ट्रीय जनता दल पूर्व की भांति इस लड़ाई को मुकम्मल अंजाम तक ले जाएगा।पूरे देश में आरएसएस और भाजपा मध्ययुगीन व्यवस्था लागू करना चाहती है।जिसमें दलित बहुजन और आदिवासियों हर प्रकार से नीचले पायदान पर रखना उनका ध्येय है।राजद गोलवलकर की इस विचारधारा को नेस्तनाबूद करने का संकल्प दुहराती है।कोई भी संगठन चाहे सत्ता और संसाधन में कितना भी बड़ा हो।
अगर दलित बहुजन एवं अल्पसंख्यक समुदाय को उनके हक से महरूम करने की राजनीति करेगा तो राजद का एक-एक सिपाही उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा।
ये देश सभी का है।जैसा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद ने कहा है कि,वस्त्र,भोजन और धर्म का फर्क हो सकता है,लेकिन हम हमेशा एक थे और एक ही रहेंगे।अनेकता में एकता हमारी पहचान रही है।इस पहचान को ख़त्म करने का मंसूबा रखने वाले खुद ख़त्म हो जायेंगे।
एक दिवसीय धरना का संचालन कर रहे जिला प्रवक्ता चंद्रशेखर कुमार ने कहा कि,यह धरना नेता प्रतिपक्ष पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के निर्देश पर पूरे बिहार के सभी जिला मुख्यालय में दिया गया है।
एकदिवसीय धरना में मुख्य रुप से जिला प्रधान महासचिव नंदलाल मंडल,पंचायतीराज प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुबोध यादव,राजद के वरिष्ठ नेता रामानंद सिंह,राजकिशोर यादव,जिला प्रवक्ता अजित सरकार,युवा राजद जिलाध्यक्ष उदय यादव,सदर प्रखंड अध्यक्ष सुनील चौरसिया,जिला महासचिव पप्पू यादव,पप्पू सुमन,दीपक चंद्रवंशी,लड्डू रजक,जिला सचिव नरेश यादव,दिव्यांग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष निभा भारती,मजदूर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अमित चौरसिया,जिला उपाध्यक्ष प्रमोद यादव,पंचायतीराज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजकिशोर राज, बेलदौर नगर अध्यक्ष अभिराम यादव,बेलदौर नगर अध्यक्ष संजय तांती,गोगरी प्रखंड अध्यक्ष राकेश राज,राजद नेता मोहम्मद इकबाल,इकरामुल हक,युवा राजद प्रवक्ता रौशन कुमार,आमिर खान सहित सैकड़ों राजद नेता मौजूद थे।