राजेश सिन्हा
खगड़िया:रेलवे स्टेशन और आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण करने खगड़िया पहुंचे सोनपुर डीआरएम ने रेलवे के पार्किंग और स्टेकिंग की जमीन पर सज रही मौत की दुकानों को लेकर जब यह कह दिया कि,रेलवे से इकरारनामा के अनुसार अगर काम नहीं हुआ तो पार्किंग व स्टेकिंग का टेंडर रद्द होगा तो फिर सवाल यह उठ रहा है कि, उस परिसर में जगह आवंटित करने और मौत की दुकान सजाने के नाम पर रुपये वसूल कर छोटे-छोटे दुकानदारों को आखिर कौन भरोसा दिला रहा है कि,आप लोगों की दुकानें ताउम्र रहेगी!
सवाल तो अनगिनत उठ रहे हैं, लेकिन डीआरएम ने यह स्पष्ट कर दिया कि,रेलवे पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन पर खुदरा बाजार सजना अवैध है।उन्होंने कहा कि,पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन पर खुदरा दुकान लगाने पर पाबंदी है।इकरारनामा के अनुसार ही ठेकेदार को काम करना होगा।इसमें कोताही या गड़बड़ी होने पर कार्रवाई में कोई देरी नहीं होगी।
हालांकि,डीआरएम विवेक भूषण सूद ने खगड़िया रेलवे स्टेशन से लेकर पूरे परिसर का गहन निरीक्षण किया।उन्होंने कहा कि, अमृत भारत योजना से खगड़िया रेलवे स्टेशन पर कई काम होंगे।
पुराने भवन को तोड़ कर आधुनिक सुविधा युक्त भवन बनाए जाएंगे।रेलवे स्टेशन पर चारों ओर गंदगी देख बिफरे डीआरएम ने अधिकारियों की क्लास लगाई और तुरंत सुधार करने का निर्देश दिया।
दरअसल,बीते शनिवार को सोनपुर मंडल रेल प्रबंधक विवेक भूषण सूद ने खगड़िया रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया।इस दौरान स्टेशन परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया।इसके बाद डीआरएम पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन का निरीक्षण करने पहुंचे और वहां उन्होंने ठेकेदार द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल से ज्यादा उपयोग करते हुए पाया।
डीआरएम ने स्पष्ट लहजे में कहा कि,पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन पर खुदरा दुकान लगाने पर पाबंदी है।पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन पर खुदरा दुकानदारी नहीं की जा सकती है।इकरारनामा के अनुसार ही ठेकेदार को काम करना होगा।इसमें कोताही या गड़बड़ी मिलने पर टेंडर तक रद्द किया जा सकता है।
डीआरएम ने खबर के माध्यम से पूरे मुद्दे को उठाने के लिए मीडिया की तारीफ करते हुए कहा कि,समस्याओं की ओर ध्यान दिलाने से रेल प्रशासन को सुधार करने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि,बाकी बची जमीन के लिए जल्द टेंडर निकाला जायेगा।रेलवे की खाली पड़ी जमीन का सदुपयोग करने से राजस्व आयेगा।मीडिया से मुखातिब हुए डीआरएम ने बताया कि,सोनपुर रेल मंडल के अधीन सबसे चौड़ा यानि 12 मीटर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण खगड़िया स्टेशन पर हो रहा है।अगले महीने से काम में तेजी आयेगी।इसके अलावा पुराने भवन को तोड़ कर आधुनिक सुविधा युक्त भवन का निर्माण किया जायेगा।
इसके अलावा अमृत भारत योजना से होने वाले निर्माण कार्य का भी डीआरएम ने जायजा लिया।रेलवे स्टेशन परिसर सहित प्लेटफार्म पर चारों ओर गंदगी पसरा देख अधिकारियों का क्लास लेते हुए डीआरएम ने कहा कि,इतना गंदा स्टेशन सिस्टम के लिये शर्मनाक है।
सीनियर डीसीएम रौशन कुमार, आइओडब्लू चंदन चौरसिया, डीसीआइ कुमुद रंजन, आरपीएफ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार राम आदि सहित अन्य रेल अधिकारियों की मौजूदगी में डीआरएम ने माना कि लोगों द्वारा रेलवे ट्रेक व घेराबंदी को पार करना जानलेवा साबित हो सकता है।फुट ओवरब्रिज का उपयोग कर अनहोनी को रोका जा सकता है।पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन की भी घेराबंदी जालीदार तारों से की जायेगी।ताकि,लोग इधर से उधर पार नहीं कर सकें।
ऐसे में अब यहां यह भी सवाल उठ रहा है कि,पार्किंग और स्टेकिंग के लिए आवंटित जमीन की जालीदार तारों से घेराबंदी की जिम्मेदारी लेगा कौन!उसमें भी तब,जब पार्किंग व स्टेकिंग की जमीन पर खुदरा बाजार लगा कर रोज हजारों रुपये की वसूली सहित दुकानदार से एडवांस के तौर पर 70 हजार रुपये की मांग की जा रही हो!
मंडल रेल प्रबंधक ने इस तरह की स्थिति पर एतराज तो जताया,लेकिन यह सवाल सुलगता रहेगा कि,डीआरआरएम के आदेशानुसार सभी कार्य होंगे या पार्किंग और स्टेकिंग की जमीन पर मौत की दुकानें सजती ही रहेगी!सबसे अहम सवाल तो यह है कि,उक्त स्थल पर खरीददारी कर आने-जाने के दौरान अगर कोई रेल के चपेट में आया तो जबावदेह होगा कौन??