शुम्भा पंचायत को प्रखंड का दर्जा दिए जाने के लिए कहीं सुलगने न लगे आंदोलन की आग!वीआईपी के आईटी सेल जिलाध्यक्ष प्रवीण ने पीएम को पत्र लिखकर लोगों की व्यथा-कथा से किस तरह कराया अवगत,पढ़े पूरी खबर।।
गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
खगड़िया।जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत शुम्भा पंचायत को प्रखंड बनाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है।स्थिति यह है कि विकास के लिए लालायित स्थानीय लोगों की मांग के समर्थन में बीते 1991 से ही जन प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार आवाज बुलंद किए जाने के बाद भी शुम्भा पंचायत को प्रखंड का दर्जा नहीं मिलने से नाराज स्थानीय लोगों द्वारा अगर आंदोलन का शंख्नाद कर दिया जाय,तो शायद किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।विकासशील इंसान पार्टी के सोशल मीडिया आईटी सेल के खगड़िया जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्रियांशु ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम शिकायती पत्र लिखते हुए न केवल इस बात का संकेत दिया है,बल्कि यह भी कहा है कि शुम्भा पंचायत को प्रखंड का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर लगातार लड़ाईयां लड़ी जा रही है।लेकिन आज तक सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।इतना ही नहीं,विकास के मामले में पूरा खगड़िया जिला उपेक्षित है,जबकि खगड़िया की पूरी धरती एशिया में मक्का उत्पादन के मामले में अपना परचम लहरा रही है।बावजूद इसके यहां न तो मक्का आधारित कोई उद्योग की स्थापना हुई है और न ही यहां के युवाओं को रोजगार मिल सका है।नतीजतन युवाओं को रोजी-रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेश जाना पड़ता है।केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं देना स्थानीय लोगों के साथ सरासर अन्याय है।उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने भी इस बात को स्वीकारा था कि,अलौली पंचायत का शुम्भा पंचायत प्रखंड बनने लायक है।इतना ही नहीं,अलौली के पूर्व विधायक रामचन्द्र सदा तथा चंदन राम के बाद वर्तमान राजद विधायक रामवृक्ष सदा द्वारा भी शुम्भा पंचायत को प्रखंड का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष करने की बात कही गई है।लेकिन आज तक शुम्भा पंचायत को प्रखंड का दर्जा देने के लिए सुगबुगाहट भी देखने को नहीं मिल रही है।श्री प्रियांशु के मुताबिक, शुम्भा पंचायत पड़ोसी पंचायतों का हव है।यहां प्रतिदिन पड़ोसी पंचायतों के लोगों का हर कार्यों के लिए आना-जाना लगा रहता है सिर्फ कमी है,तो प्रखंड का दर्जा दिए जाने और पुलिस पिकेट के स्थापना की। ============================================= श्री प्रियांशु के अनुसार,कहने को तो अलौली प्रखंड में कुल 21 पंचायतें है।लेकिन किसी भी पंचायत में सही से विकास कार्य नहीं हो पा रहा है।इसीलिए सरकार को इस ओर अविलंब ध्यान देना चाहिए वीआईपी के मीडिया आईटी सेल के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार प्रियांशु का यह भी कहना है कि,खासकर नदी के उस पार रहने वाले लोगों के लिए जीवन-यापन बहुत ही दुखदायी है।नदी के पार रहने वाले लोगों के लिए न तो आने-जाने का सुगम रास्ता है और न ही सही से गांवों में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की सनुचित व्यवस्था की गई है।स्थिति यह है कि,अगर कोई अचानक गंभीर रुप से बीमार पड़ जाय तो,डाक्टर के पास जाते- जाते दम तोड़ देना नियति में शुमार हो चुका है।सरकार को चाहिए कि नदी के उस पार के लोगों की परेशानियों को देखते हुए बेहतर सड़क,स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था करने लिए बढ़-चढ़कर कार्यों को गति देना।जहां- जहां नदी पर पुल और पुलिया का निर्माण नहीं हुआ है,वहां अविलंब निर्माण कार्य किया जाना ही वहां के लोगों के लिए वास्तविक न्याय होगा।साथ ही सबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द-जल्द बेहतर प्रयास किया जाना चाहिए।जिससे लोगों को अपना घर छोड़कर प्रवासी मजदूर बनकर अन्य प्रदेश में जाने के लिए मजबूर होना न पड़े।
उन्होंने कहा है कि सरकार को न केवल पुलिस-प्रशासन सहित अन्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों पर कड़ी नजर रखना चाहिए बल्कि हर पंचायत में सही ढ़ंग से विकास करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए।भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष जांच पदाधिकारी या टोल फ्री नंबर जारी तो करना चाहिए ही, सभी विभाग के कार्यालय के हर कमरे में CCTV कैमरा लगाकर कर एक निगरानी टीम गठित करना चाहिए। तभी भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर अंकुश लगाया जा सकता है। =========================================
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